Maharashtra Politics: ठाकरे सरकार के एक और मंत्री का पर्दाफाश करूंगाः किरीट सोमैया

Maharashtra भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि अगले सप्ताह वह ठाकरे सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री के बारे में सबूतों के साथ खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि शरद पवार कहते हैं कि ईडी अपनी सीमाओं का उल्लंघन कर लोगों को परेशान कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 07:42 PM (IST)
Maharashtra Politics: ठाकरे सरकार के एक और मंत्री का पर्दाफाश करूंगाः किरीट सोमैया
ठाकरे सरकार के एक और मंत्री का पर्दाफाश करूंगाः किरीट सोमैया। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि वह जल्द ही महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री का सबूतों के साथ पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी मंत्री अनिल परब पर भी कई नए खुलासे किए। पूर्व सांसद सोमैया ने शुक्रवार को पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट कार्यालय में काम करने वाले अनिल परब के करीबी बजरंग खरमाटे के पास 750 करोड़ रुपये कीमत की 40 संपत्तियां हैं। सोमैया के अनुसार, उन्होंने खरमाटे का फार्म हाउस व संपत्तियां देखी हैं और 40 संपत्तियों की सूची अब तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) व आयकर विभाग को दे चुके हैं। बाजार भाव से इनकी कीमत 750 करोड़ रुपये है।

सोमैया ने कहा कि बुधवार को महाराष्ट्र सरकार अनौपचारिक तौर पर मान चुकी है कि सीआरजेड क्षेत्र में बना अनिल परब का रिसार्ट गैरकानूनी है और इसे तोड़ा जाना चाहिए। सरकार ने इस संबंध में एक हलफनामा लोकायुक्त को भी सौंपा है। मुझे बताया गया कि यह हलफनामा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को बताकर ही तैयार किया गया है। सौमैया सवाल करते हैं कि जब यह साबित हो चुका है कि अनिल परब गलत थे तो वह अब तक राज्य मंत्रिमंडल में कैसे बने हुए हैं? ईडी छह सितंबर को आरटीओ अधिकारी बजरंग खामटे को मनी लांड्रिग के मामले में पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है। इससे पहले 29 अगस्त को अनिल परब को भी ईडी पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है। तब परब ने ईडी के सामने उपस्थित होने के लिए 14 दिन का समय मांगा था।

सोमैया ने कहा कि अगले सप्ताह वह ठाकरे सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री के बारे में सबूतों के साथ खुलासा करेंगे। उन्होंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पवार कहते हैं कि ईडी अपनी सीमाओं का उल्लंघन कर लोगों को परेशान कर रही है। पवार भावना गवली को बेकसूर करार दे रहे हैं। जबकि भावना गवली ने एक शहरी सहकारी बैंक से 40 बार नकदी निकाली और हर बार निकाली गई रकम 21 लाख से कम नहीं थी। एक राजनीतिक व्यक्ति 25 करोड़ रुपये की नकद निकासी करता है, और पवार पूछते हैं कि ईडी उसकी जांच क्यों कर रहा है?

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