Phone Tapping Case: अगली सुनवाई तक आइपीएस रश्मि शुक्ला की नहीं होगी गिरफ्तारी

Phone Tapping Case पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डेरियस खंबाटा ने जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिताले की खंडपीठ को बताया कि साइबर शाखा पुलिस की एक टीम को मामले में रश्मि शुक्ला के बयान दर्ज कराने के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:43 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:43 PM (IST)
Phone Tapping Case: अगली सुनवाई तक आइपीएस रश्मि शुक्ला की नहीं होगी गिरफ्तारी
फोन टैपिंग में अगली सुनवाई तक आइपीएस रश्मि शुक्ला की नहीं होगी गिरफ्तारी। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। Phone Tapping Case: मुंबई पुलिस ने बांबे हाई कोर्ट को गुरुवार को बताया कि वे आइपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की याचिका पर अगली सुनवाई होने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी या कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं की जायेगी। शुक्ला ने याचिका में कथित गैरकानूनी फोन टैपिंग मामले में पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। पुलिस ने पिछले महीने (26 अप्रैल और 28 अप्रैल) शुक्ला को दो सम्मन जारी कर उनसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए मुंबई में बीकेसी (बांबे कुर्ला कांप्लेक्स) साइबर विभाग के समक्ष पेश होने के लिए कहा था। हालांकि, शुक्ला इन सम्मन पर पेश नहीं हुई। यह मामला पुलिस तैनाती से संबंधित संवेदनशील दस्तावेजों को कथित तौर पर लीक करने से भी जुड़ा है।

पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील डेरियस खंबाटा ने जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिताले की खंडपीठ को बताया कि साइबर शाखा पुलिस की एक टीम को मामले में शुक्ला के बयान दर्ज कराने के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा। शुक्ला अभी हैदराबाद में तैनात हैं। शुक्ला की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि यह मामला शासकीय गोपनीयता कानून, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और भारतीय टेलीग्राफ कानून के तहत अपराध से जुड़ा है जिसमें तीन साल तक कैद की सजा हो सकती है। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता हैदराबाद में सेवारत हैं। संभवत: वह कोरोना के कारण पूछताछ के लिए यहां पुलिस के समक्ष पेश नहीं हो सकती। जस्टिस शिंदे ने कहा कि हम गर्मियों की छुट्टी के बाद इस याचिका पर सुनवाई करेंगे। तब तक राज्य सरकार यह बयान दे कि वह कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी।

इस पर खंबाटा ने कहा कि पुलिस याचिका पर अगली सुनवाई होने तक कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेगी और न ही याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करेगी। शुक्ला के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि आइपीएस अधिकारी मामले की जांच में सहयोग की इच्छा रखती हैं और पुलिस टीम हैदराबाद में उनका बयान दर्ज कर सकती है। कोर्ट ने इस बयान को मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई जून तक के लिए स्थगित कर दी। 1988 कैडर की वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी शुक्ला ने इस हफ्ते की शुरुआत में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले को सीबीआइ को सौंपने और कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश देने का अनुरोध किया था।

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