मुंबई के Lokmanya Tilak Terminus पर उमड़ा लोगों का हुजूम, सेंट्रल रेलवे ने जारी किया बयान

Lockdown Scare महाराष्ट्र (Maharashtra) में लॉकडाउन (Lockdown) की आहट से प्रवासी मजदूरों (Migrant laborer) की भारी भीड़ देखी गई जिसे लेकर सेंट्रल रेलवे सीपीआरओ ने बयान जारी करते हुए कहा है कि ये गर्मियों के मौसम में दिखने वाली सामान्‍य भीड़ है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 11:53 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 01:39 PM (IST)
मुंबई के Lokmanya Tilak Terminus पर उमड़ा लोगों का हुजूम, सेंट्रल रेलवे ने जारी किया बयान
मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन भारी संख्‍या में लोगों का हुजूम

मुंबई, एएनआइ। मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन भारी संख्‍या में उमड़े लोगों को हुजूम को देखकर सेंट्रल रेलवे सीपीआरओ का कहना है कि एलटीटी, कुर्ला में यह भीड़ असामान्य नहीं है, गर्मियों के मौसम में ऐसा नियमित रूप से  देखा जाता है। आज कुल 23 ट्रेनें एलटीटी से प्रस्थान करने वाली हैं, जिनमें से 16 उत्तर या पूर्व की हैं जबकि पांच समर स्पेशल ट्रेनें हैं।

हालांकि समाचार एजेंसी एएनआइ पर जारी हुए वीडियो को देखकर तो यही कयास लगाये जा रहे थे कि देश में कोरोना की दूसरी लहर ने दोबारा से वहीं हालात पैदा कर दिए हैं। जिससे घबराकर काम धंधे की तलाश में आये प्रवासी मजदूर फिर अपने घरों को लौटने लगे हैं। मुंबई में हालात और बदतर होते जा रहे हैं जिसके बाद लोगों को लंबे लॉकडाउन का डर सताने लगाने है।  ऐसे में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्‍या में अपने घरों की ओर रुख कर रहे हैं। जिसे देखते हुए मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन भारी संख्‍या में ऐसे लोगों का हुजूम उमड़ आया है।

#WATCH | Mumbai: Huge crowd of migrant workers arrive at Lokmanya Tilak Terminus (LTT) in Kurla pic.twitter.com/6zkz8xt0eE

— ANI (@ANI) April 13, 2021

पिछले लॉकडाउन में हुई मुश्किलों को देख घबरा रहे हैं मजदूर 
वहीं प्राइवेट कंपनियों ने भी लॉकडाउन के डर से मजदूरों को नौकरियों से निकालना शुरू कर दिया है। भिवंडी और ठाणे में हालात काफी खराब नजर हा रहे हैं। मजदूरों को कहना है कि पिछले साल सरकार ने अचानक लॉकडाउन लगाकर हमारी मुश्किलें बढ़ा दी थी। यहां काम धंधा छिन गया था और घर लौटने के लिए भी हम परेशान हो गए थे। हमने पुलिस के डंडे भी खाये थे। कोरोना के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, कभी भी लॉकडाउन लगाया जा सकता है। ऐसे में हमारा अभी गांव लौट जाना ही सही है। 
नौकरी गई खाने के पैसे भी खत्‍म 
मुंबई में बीते कई वर्षो से गार्ड की नौकरी करने वाले एक व्‍यक्ति का कहना था कि लॉकडाउन की आशंका को देखते हुए कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया है। घर लौटने के पैसे तक खत्‍म हो चुके हैं ऐसे में घर से पैसे मंगवाकर टिकट खरीद रहा हूं।  पहले लॉकडाउन के बाद जब हालात सामान्‍य हुए उसके बाद ही मैं यहां लौटा था लेकिन अब नौकरी जाने के बाद खाना खाने के पैसे तक नहीं बचे हैं ऐसे में गांव लौट जाना ही सही है।  
गौरतलब है कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण  मुंबई में काम करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों का कामकाज बंद हो गया था, जिसके बाद मुंबई में  उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों से आये इन मजदूरों को पैदल ही घर लौटना पड़ा था।
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