Drug Peddlers: अधिक जेब खर्च के लिए ड्रग पेडलर बन रहे संपन्न घरों के शिक्षित युवक
Drug Peddlers एनसीबी का मानना है कि रोजाना के गैरजरूरी खर्चों की पूर्ति के लिए युवक इस दलदल में फंस जाते हैं। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के अनुसार एजेंसी ने पिछले छह महीनों में 102 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
मुंबई, मिड डे। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की मुंबई इकाई ने इस साल पंजीकृत मामलों और गिरफ्तार किए गए लोगों का ब्योरा जुटाया है। एजेंसी ने पाया कि ड्रग पेडलिंग व तस्करी में ज्यादातर 15-35 साल के किशोर व युवा संलिप्त हैं। ये युवक शिक्षित और संपन्न परिवार से आते हैं। एनसीबी का मानना है कि रोजाना के गैरजरूरी खर्चों की पूर्ति के लिए युवक इस दलदल में फंस जाते हैं। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के अनुसार, 'एजेंसी ने पिछले छह महीनों में 102 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 65 यानी 70 फीसद की उम्र 15-35 साल है। हम आंकड़ों के माध्यम से इसके कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि ड्रग के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा सके।'
इंजीनियरिंग व एमबीए डिग्रीधारी युवा भी फंस गए दलदल में
उन्होंने कहा, 'पूछताछ के दौरान संपन्न घरानों के इन शिक्षित युवकों ने ड्रग तस्करी व पेडलिंग के दलदल में फंसने की कई वजहें बताईं। कालेज छात्रों के अलावा इंजीनियरिंग व एमबीए कर चुके युवाओं ने बताया कि वे इस अवैध कारोबार में इसलिए उतरे, क्योंकि उनके गैरजरूरी खर्च की आसानी से पूर्ति हो जाती है।'
डार्क वेब व प्रसिद्धि की चाहत भी बड़ी वजह
वानखेड़े के अनुसार, गिरफ्तार किए गए कई युवकों ने बताया कि उन्हें उनके दोस्तों के मुकाबले कम जेब खर्च मिलाता था। इसकी वजह से वे अपने दोस्तों के बीच असहज महसूस करते थे। खुद को उनके स्टेटस के बराबर का साबित करने के लिए युवा ड्रग तस्करी में उतर गए। कई को तो यह जानकारी भी नहीं थी कि कानून के शिकंजे में आने के बाद उनका पूरा करियर खराब हो जाएगा। दरअसल, डार्क वेब के जरिये युवाओं को प्रलोभन देकर फंसाया जाता है। उन्हें बाताया जाता है कि इसी काम से फलां युवक रातोंरात करोड़पति बन गया। एक बड़ी वजह इंटरनेट मीडिया भी है, जिस पर प्रभावशाली वीडियो अपलोड करके युवा प्रसिद्धि प्राप्त करने की चाहत रखते हैं।