Money Laundering Case: अनिल देशमुख मनी लांड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब को ईडी का समन
Money Laundering Case अनिल देशमुख से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में शिवसेना नेता व राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब को समन जारी किया है। ईडी ने मंत्री को 28 सितंबर को दक्षिणी मुंबई स्थित एजेंसी कार्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।
मुंबई, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में शिवसेना नेता व राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब को समन जारी किया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 56 वर्षीय परब के खिलाफ ईडी की तरफ से जारी यह दूसरा समन है। परब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी हैं। शिवसेना नेता को ईडी ने पहली बार 31 अगस्त को समन जारी किया था। तब उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए और समय मांगा था। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने मंत्री को 28 सितंबर को दक्षिणी मुंबई स्थित एजेंसी कार्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।
जानें, क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को महानगर के होटल व बार से 100 करोड़ रुपये की उगाही का आदेश देने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीबीआइ और ईडी ने देशमुख के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। इसी सिलसिले में देशमुख को पद भी छोड़ना पड़ा था। अगस्त, 2021 में शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया था, 'शाबास! ऐसी ही उम्मीद थी, जैसे ही जन-आशीर्वाद यात्रा (केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की) खत्म हुई, अनिल परब को ईडी का नोटिस भेज दिया गया। केंद्र सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया है। भूकंप का केंद्र रत्नागिरी था। परब जिले के संरक्षक मंत्री हैं। घटनाक्रम को समझते हैं। कानूनी लड़ाई को कानूनी तरीके से लड़ेंगे। दरअसल, यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए थप्पड़ वाली टिप्पणी के लिए नारायण राणे को रत्नागिरी जिले से गिरफ्तार किया गया था। राणे की गिरफ्तारी में कथित भूमिका और आय से अधिक संपत्ति के मामले में भाजपा परब पर निशाना साधती रही है।वहीं, महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने राउत के आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि ईडी के नोटिस का राणे की जन-आशीर्वाद यात्रा के दौरान हुए घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। यह नोटिस शायद ईडी के समक्ष दर्ज किसी शिकायत की वजह से भेजा गया है।