अनिल देशमुख Money Laundering Case में कैलाश गायकवाड़ को ED का समन, पूछताछ के लिए बुलाया
अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering case) में महाराष्ट्र के उप सचिव (गृह) कैलाश गायकवाड़ (Kailash Gaikwad) को ईडी ने तलब किया है। गायकवाड़ को आज ईडी के सामने पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया है।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के उप सचिव (गृह) कैलाश गायकवाड़ ( Kailash Gaikwad) को राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से संबंधित एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering case) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने तलब किया है। गायकवाड़ को आज ईडी के सामने पेश होने के लिए भी कहा गया है।
इस बीच, महाराष्ट्र राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब भी मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में हाजिर हुए थे। ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ एजेंसी की चल रही जांच के संबंध में उनका बयान दर्ज किया था। परब से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी। परब ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि ईडी एक प्राधिकरण है और अधिकारियों को जवाब देना मेरी जिम्मेदारी है। मैंने उनके द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब दिए हैं। एजेंसी ने पिछले महीने परब को पहला समन जारी किया था, जिसके बाद मंत्री ने एजेंसी को सूचित किया था कि उन्हें एक लोक सेवक के रूप में कुछ सार्वजनिक कार्यों में भाग लेने जाना है जिसके बाद उन्होंने ईडी से उनकी उपस्थिति की तारीख को फिर से निर्धारित करने का अनुरोध किया था। एजेंसी ने हाल ही में परब को दूसरा समन जारी कर 28 सितंबर को अपना बयान दर्ज कराने को कहा था। ईडी ने चल रही जांच के सिलसिले में 6 सितंबर को उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) बजरंग खरमाते का बयान भी दर्ज किया था।
ईडी अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में निलंबित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) अधिकारी गजेंद्र पाटिल का भी बयान दर्ज किया था, जिन्होंने परिवहन विभाग में तबादलों और पोस्टिंग में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे। ईडी अधिकारियों ने दो बार पाटिल के बयान दर्ज किए हैं। पिछले महीने ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में परब से जुड़े तीन ठिकानों की तलाशी ली थी. जिन परिसरों की तलाशी ली गई उनमें से एक उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाते का था। अप्रैल में सहायक पुलिस निरीक्षक (बर्खास्त) सचिन वाजे ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत को एक पत्र प्रस्तुत करने के बाद परब ईडी की जांच के दायरे में आया था।