Maharashtra: शिवसेना सांसद भावना गवली के परिसरों पर ईडी के छापे
Maharashtra ईडी ने शिवसेना सांसद भावना गवली द्वारा नियंत्रित संस्थानों और संगठनों में तलाशी ली। साथ ही एजेंसी ने शिवसेना नेता व परिवहन मंत्री अनिल परब के विभाग के एक अधिकारी के परिसरों की तलाशी भी ली है।
धर्मेद्र जोरे, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को शिवसेना की वाशिम-यवतमाल से पांच बार सांसद भावना गवली द्वारा नियंत्रित संस्थानों और संगठनों में तलाशी ली। साथ ही, एजेंसी ने शिवसेना नेता व परिवहन मंत्री अनिल परब के विभाग के एक अधिकारी के परिसरों की तलाशी भी ली। गवली के मामले में उनसे जुड़ी कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के सिलसिले में नौ स्थानों पर तलाशी ली गई। इस मामले में कुछ महीने पहले उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में भाजपा सांसद किरीट सोमैया इस मुद्दे पर नजर रख रहे थे। सोमवार को जिन संगठनों में तलाशी ली गई उनमें महिला उत्कर्ष प्रतिष्ठान, बालाजी सहकारी पार्टिकिल बोर्ड, बीएएमएस कालेज और भावना एग्रो प्रोडक्ट सर्विसेज लिमिटेड शामिल हैं।
इस कार्रवाई पर शिवसेना और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में उसके साथी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया और इसे राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों से जोड़ा। रविवार को ईडी ने परब को भी समन भेजा है जिसमें उन्हें मंगलवार को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। यह साफ नहीं हो सका था कि उनसे परिवहन विभाग में कथित कदाचार के बारे में पूछताछ की जाएगी या फिर पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े मामले में। रविवार को परब का कहना था कि एजेंसी ने समन करने का कारण नहीं बताया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पेश होने पर उनसे परिवहन विभाग के बारे में पूछताछ की जा सकती है।
ईडी ने परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाते के नागपुर आवास की भी तलाशी ली। वह नागपुर (ग्रामीण) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के प्रमुख हैं और उन पर अधिकारियों से मनचाही पोस्टिंग के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। निलंबित मोटर वाहन इंस्पेक्टर गजेंद्र पाटिल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी और रिश्वत लेने में परब व वरिष्ठ परिवहन अधिकारियों को नामित किया था। आरोपों को खारिज करते हुए परब का कहना था कि पाटिल ने उनकी और एमवीए सरकार की छवि धूमिल करने के लिए यह कदम उठाया था क्योंकि कई शिकायतों के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। नासिक पुलिस ने आरोपों की जांच की थी और उन्हें निराधार पाया।
ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गवली ने कहा कि यह कार्रवाई आपातकाल की याद दिलाती है। शिवसेना को निशाना बनाया गया है। मैंने अपने कार्यालय से रुपये गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी। तलाशी लेने से पहले ईडी ने हमें कोई नोटिस नहीं दिया। उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। मेरे जिले के एक भाजपा विधायक पर 500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है, क्या ईडी उसके खिलाफ जांच करेगी। वहीं, सोमैया ने कहा कि ईडी ने शुरुआत कर दी है। सीबीआइ, आयकर विभाग और भारतीय स्टेट बैंक कतार में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गवली ने अपने पिता द्वारा स्थापित और राज्य द्वारा सहायता प्राप्त बंद हो चुकी एक फैक्ट्री को अपनी बेनामी कंपनी को बेच दिया था। फिर उन्होंने फैक्ट्री की जमीन को गैरकानूनी रूप से परिवार के एक संगठन को बेच दिया और सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया।