महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध ईडी ने भी दर्ज की FIR, सचिन वाझे पुलिस सेवा से बर्खास्त

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इससे पहले उच्चन्यायालय के आदेश पर सीबीआई उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। आरोपी सचिन वाझे को मुंबई पुलिस की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 08:10 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 08:10 PM (IST)
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध ईडी ने भी दर्ज की FIR, सचिन वाझे पुलिस सेवा से बर्खास्त
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध ईडी ने भी दर्ज की FIR, सचिन वाझे पुलिस सेवा से बर्खास्त

राज्य ब्यूरो, मुंबई! महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी प्राथमिकी दर्ज कर ली है। इससे पहले उच्चन्यायालय के आदेश पर सीबीआई उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। देशमुख की पार्टी राकांपा का कहना है कि देशमुख के विरुद्ध ये मामले राजनीतिक बदले की भावना से दर्ज किए जा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा अनिल देशमुख पर लगाए गए घूसखोरी के आरोपों के आधार पर धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन्फोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों के जरिए हर महीने 100 करोड़ रुपयों की वसूली करवाना चाहते थे। उच्चन्यायालय ने उनके इसी आरोप के आधार पर इस पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। सीबीआई ने 24 अप्रैल को देशमुख के विरुद्ध मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू भी कर दी है। इस मामले में बड़ी रकम के लेनदेन के संकेत मिल रहे थे। जिस पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से अनिल देशमुख ने कथित तौर पर 100 करोड़ रुपयों की वसूली करवाना चाहते थे, उसके पास से एनआईए को बड़ी रकम भी हाथ लगी है।

माना जा रहा है कि इसीलिए प्रवर्तन निदेशालय ने भी अब इस मामले में जांच शुरू कर दी है। ईडी जल्द ही पूर्व गृहमंत्री को पूछताछ के लिए बुला सकती है। अब अंटीलिया प्रकरण, मनसुख हिरेन हत्याकांड एवं अनिल देशमुख पर लगे घूस के आरोपों की जांच में कुल तीन केंद्रीय जांच एजेंसियां शामिल हो चुकी हैं। ईडी इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाझे सहित कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है।

बता दें कि इस मामले की शुरुआत 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर अंटीलिया के निकट विस्फोटक लदी स्कार्पियो कार खड़ी किए जाने से हुई थी। शुरू में इस मामले की जांच मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाझे को सौंपी गई थी। लेकिन इस मामले की जांच एनआईए के हाथ में जाते ही एनआईए ने वाझे को ही मुख्य आरोपी बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। फिर स्कार्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में भी एनआईए ने सचिन वाझे को ही मुख्य आरोपी बनाया है।

एनआईए द्वारा यह जांच थोड़ा आगे बढ़ाते ही महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का उनके पद से स्थानांतरण कर दिया और तब के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने यह बयान भी दिया कि अंटीलिया एवं सचिन वाझे प्रकरण में परमबीर सिंह की भूमिका ठीक न होने के कारण उनका स्थानांतरण किया गया है। देशमुख का यह बयान परमबीर सिंह को पसंद नहीं आया और उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक लंबा पत्र लिखकर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर पुलिस अधिकारियों से 100 करोड़ रुपए प्रतिमाह वसूली का सनसनीखेज आरोप लगा दिया। देशमुख ने इस मामले में पहले सर्वोच्च न्यायालय, फिर मुंबई उच्चन्यायालय में देशमुख की सीबीआई से जांच कराने की याचिका भी दायर की। इसके बाद ही देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

सचिन वाझे बर्खास्त

उद्योगपति मुकेश अंबानी की इमारत अंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार खड़ी करने एवं इसी कार के कथित मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में आरोपी सचिन वाझे को मुंबई पुलिस की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। वाझे को इन दोनों मामलों में गिरफ्तारी के बाद से निलंबित कर दिया गया था, और उसके कुछ दिन बाद ही उसकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने उसकी बर्खास्तगी का फैसला मंगलवार को लिया। सचिन वाझे से एनआईए कई घंटे की पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने भी उससे पूर्व गृहमंत्री पर लगे घूस के आरोपों के सिलसिले में पूछताछ की है। फिलहाल वह नई मुंबई की तलोजा जेल में बंद है।

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