COVID-19 Vaccination: केंद्र ने बांबे हाईकोर्ट से कहा, घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने की कोई नीति नहीं

COVID-19 Vaccination केंद्र की ओर से वकील अनिल सिंह ने कहा कि कुछ राज्य व नगर निकाय घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। लेकिन राष्ट्रीय नजरिये से केंद्र की नीति का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र भविष्य में घर-घर टीकाकरण की अनुमति दे भी सकती है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 09:12 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 09:18 PM (IST)
COVID-19 Vaccination: केंद्र ने बांबे हाईकोर्ट से कहा, घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने की कोई नीति नहीं
केंद्र ने बांबे हाईकोर्ट से कहा, घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीन लगाने की कोई नीति नहीं। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने सोमवार को बांबे हाई कोर्ट को बताया कि वर्तमान में उसकी राष्ट्रीय नीति में घर-घर जाकर टीकाकरण करना शामिल नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से अदालत में पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बताया कि कुछ राज्य सरकारों और नगर निकायों ने उसके दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज करने का फैसला किया है। वे विशेष वर्ग के नागरिकों को घर-घर जाकर टीका दे रहे हैं। लेकिन इस अभियान को राष्ट्रीय नीति का हिस्सा बनाना फिलहाल संभव नहीं है। प्रधान न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा था कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा बुजुर्गों और बिस्तर पर पड़े लोगों को घर-घर जाकर टीकाकरण की अनुमति मांगने पर उसका क्या कहना है?

इसका जवाब देते हुए सिंह ने कहा, बीएमसी ने इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को अनुरोध पत्र लिखा है। इस पर मंत्रालय का कहना है कि ऐसे किसी अभियान के खिलाफ उसका मौजूदा दिशा-निर्देश विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। सिंह ने कहा, कुछ राज्य और नगर निकाय घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। लेकिन, राष्ट्रीय नजरिये से देखें तो केंद्र की नीति का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समय-समय पर अपनी नीति को अपडेट करती रहती है और भविष्य में घर-घर टीकाकरण की अनुमति दे भी सकती है।

पीठ ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से यह भी पूछा कि क्या महाराष्ट्र में डोर-टू-डोर अभियान शुरू करने की स्थिति में वह केंद्र या राज्य के दिशानिर्देशों का पालन करेगा। इस पर बीएमसी के वकील अनिल साखरे ने कहा कि हम राज्य के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। राज्य ड्राइव के बारे में सोच रहा है, लेकिन जनशक्ति की कमी जैसे मुद्दे, क्योंकि टीकाकरण प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास जाने के लिए तीन व्यक्तियों की आवश्यकता होगी, एंबुलेंस की आवश्यकता होगी, और यह सुनिश्चित करना होगा कि टीके की बर्बादी न हो। 

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