National Monetisation Pipeline: चिदंबरम बोले, एमएनपी का उद्देश्य बताए मोदी सरकार

Maharashtra चिदंबरम ने कहा कि जिन संपत्तियों की पहचान एमएनपी के तहत की गई है उनसे मौजूदा समय में भी कोई न कोई राजस्व जरूर मिल रहा होगा। क्या सरकार ने राजस्व में अंतर का आकलन किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 06:19 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 06:19 PM (IST)
National Monetisation Pipeline: चिदंबरम बोले, एमएनपी का उद्देश्य बताए मोदी सरकार
एमएनपी का उद्देश्य बताए मोदी सरकार: चिदंबरम। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राष्ट्रीय मौद्रिकीकरण पाइपलाइन (एमएनपी) को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को अपने इस कदम के उद्देश्यों और चार साल की अवधि में छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व जुटाने के लक्ष्य के बारे में देश को बताना चाहिए। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा ने मोदी सरकार से 20 सवाल किए और कहा कि कांग्रेस को एमएनपी और सरकार द्वारा ठेके पर दी जान वाली संपत्तियों को लेकर आपत्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन संपत्तियों की पहचान एमएनपी के तहत की गई है, उनसे मौजूदा समय में भी कोई न कोई राजस्व जरूर मिल रहा होगा। उनके मुताबिक, अगर ऐसा है तो क्या सरकार ने मौजूदा राजस्व और चार साल की अवधि में मिलने वाले छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व में अंतर का आकलन किया है। अगर किया है तो फिर इन चार वर्षों में हर साल दोनों राजस्व में कितना अंतर होगा।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए घाटे में चल रही संपत्तियों का मौद्रिकीकरण किया, जबकि मोदी सरकार इसके उलट काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी सामरिक महत्व वाली संपत्तियों को नहीं बेचा। चिदंबरम ने कहा कि हमने हमेशा सुनिश्चित किया कि किसी तरह का एकाधिकार नहीं होना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि छह लाख करोड़ रुपये के राजस्व का उपयोग 2021-22 के दौरान साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे के संदर्भ में आंशिक रूप से नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन संपत्तियों को बनाने में वर्षों का समय लगा, मोदी सरकार उन पर दिनदहाड़े डाका डाल रही है। उन्होंने कहा कि जनता को संपत्तियों को बेचे जाने को लेकर आवाज उठानी चाहिए।

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