Maharashtra: मुंबई में भारी बारिश व भूस्खलन, दो इमारतें गिरीं; तीन की मौत
Chawl Collapsed In Mumbai मालवणी में ढही एक इमारत के मलबे में दबकर तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 13 अन्य को बचाया गया है। वहीं दक्षिण मुंबई में भी छह मंजिला इमारत ढह गई।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Chawl Collapsed In Mumbai: मुंबई में मंगलवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण दो इमारतें ढह गईं। मालवणी में ढही एक इमारत के मलबे में दबकर तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोगों को बचा लिया गया है। दक्षिण मुंबई में ढही छह मंजिली इमारत के मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच, घाटकोपर (पश्चिम) के साकीनाका इलाके में 90 फीट रोड मनीषा बार के पास खादी नंबर-3 पर भूस्खलन की घटना सामने आई है। यहां दस खाली मकानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि किसी को चोट नहीं आई है। मुंबई में 1997 के बाद जुलाई में पहली बार 24 घंटे में इतनी बारिश हुई है।
पिछले 12 घंटों में ही 468 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। निचले इलाकों में जगह-जगह पानी भर गया है, जिसका असर यातायात पर भी पड़ रहा है। बारिश के बीच ही मुंबई में दो जगह इमारतें गिरने का मामला सामने आया। उत्तर मुंबई के मालवणी में एक तीन मंजिला चॉल ढह गई। जिसके नीचे दब कर एक 12 वर्षीय बच्चे व दो अन्य की मौत हो गई और करीब 13 लोगों को बचा लिया गया है। एनडीआरएफ की टीम ने एक 60 वर्षीय बुजुर्ग का शव बरामद किया है। जबकि दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन के निकट स्थित एक छह मंजिला रिहायशी इमारत गिरने से वहां कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वयं वहां राहत कार्य का जायजा लेने पहुंचे हैं। एक दिन पहले भी दक्षिण मुंबई के ग्रांट रोड क्षेत्र में एक इमारत का एक हिस्सा गिरने से दो लोग घायल हो गए थे।
मुंबई में पिछले 48 घंटों से चल रही बारिश के अगले अगले 24 घंटे इसी तरह जारी रहने की आशंका जताई जा रही है। मौसम विभाग की तरफ से ऑरेंज एलर्ट जारी किया गया है। जबकि तटीय क्षेत्रों के लिए मौसम विभाग ने रेड एलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कोकण क्षेत्र में अगले 24 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश होने की आशंका जताई है। कोरोना महामारी से पहले से जूझ रही मुंबई महानगर पालिका ने लोगों से जलभराव वाले इलाकों में न जाने की अपील की है। बीएमसी जलभराव वाले क्षेत्रों से पंप के जरिए पानी निकासी की व्यवस्था कर रही है, लेकिन शाम सात बजे के कारण समुद्र में 3.28 मीटर का ज्वार होने के कारण जलस्तर कम करने में दिक्कत आ रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई के मलाड ईस्ट के पिंपरीपाड़ा में भारी बारिश के कारण गत दो जुलाई को दीवार गिर गई थी। इस दौरान करीब 27 लोगों की मौत हो गई थी। इसके पहले पुणे के पास कोंढवा इलाके में भी गत 28 जून देर रात एक मकान की दीवार गिर गई थी। इस दौरान 15 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले सितंबर, 2017 में मुंबई में पांच मंजिला इमारत ढह जाने से 34 लोगों की मौत हो गई थी। मुंबई महानगर पालिका से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 1996 से लेकर सितंबर 2017 तक 17 इमारतें ढह चुकी हैं, जिनमें 267 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सर्वाधिक 61 लोग इस क्षेत्र से कुछ ही दूर स्थित बाबू गेनू रोड की एक इमारत ढहने से मारे गए थे। यह हादसा सितंबर 2013 में हुआ था। बीएमसी ने कुछ वर्ष पहले मुंबई की 791 इमारतों को अत्यंत खतरनाक घोषित किया था। इनमें से 186 इमारतें ध्वस्त की जा चुकी हैं और 117 खाली करवाई जा चुकी हैं। शेष में अभी भी लोग रह रहे हैं।