Anil Deshmukh Case: सीबीआइ ने परमबीर सिंह व सचिन वाझे सहित चार लोगों के दर्ज किए बयान
Anil Deshmukh Case अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चल रही प्रारंभिक जांच में सीबीआइ ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह सचिन वाझे शिकायतकर्ता डॉ जयश्री पाटिल सहित चार लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
मुंबई, एएनआइ। Anil Deshmukh Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चल रही प्रारंभिक जांच में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का बयान सीबीआइ ने वीरवार को दर्ज किया है। इसके बाद सीबीआइ ने सचिन वाझे, शिकायतकर्ता डॉ जयश्री पाटिल के बयान भी दर्ज किए हैं। इस बीच, सीबीआइ ने एसीपी संजय पाटिल का बयान भी दर्ज किया है। इससे पहले बुधवार को अंटीलिया कांड एवं मनसुख हत्याकांड की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी एनआइए ने बुधवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एवं कभी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे प्रदीप शर्मा से लंबी पूछताछ की। दूसरी ओर, मुंबई पुलिस द्वारा सरकार को भेजी गई एक गोपनीय जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सचिन वाझे का निलंबन वापस लेकर उन्हें सीआइयू प्रमुख बनाने का निर्णय परमबीर सिंह का ही था।
इस बीच एनआइए की अदालत ने सचिन वाझे की एनआइए हिरासत भी नौ अप्रैल तक बढ़ा दी है। एनआइए ने मंगलवार को सचिन वाझे के निजी वाहन चालक से लंबी पूछताछ की थी। बुधवार को उसने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एवं कभी अंधेरी क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआइयू) में सचिन वाझे के प्रभारी रहे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को एनआइए कार्यालय बुलाकर पूछताछ की।सुबह पूछताछ के लिए एनआइए कार्यालय पहुंचे परमबीर से करीब चार घंटे पूछताछ हुई। प्रदीप शर्मा इसके बाद पूछताछ के लिए एनआइए दफ्तर पहुंचे। माना जा रहा है कि परमबीर सिंह से एनआइए ने सचिन वाझे का निलंबन वापस लेने और उसे सीआईयू प्रभारी के रूप में नियुक्त करने के संबंध में पूछताछ हुई है। जबकि बुधवार को ही मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने एक जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी। इसमें कहा गया है कि परमबीर ने ही सचिन वाझे का निलंबन वापस लेने और उसे सीआइयू का प्रभारी बनाने का निर्णय किया। सचिन वाझे सीधे परमबीर सिंह को ही रिपोर्ट करता था। प्रदेश कांग्रेस और राकांपा के प्रवक्ता नगराले की इसी रिपोर्ट के आधार पर पूरे प्रकरण का ठीकरा परमबीर पर फोड़ने में लग गए हैं।
बुधवार को एनआइए द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए गए प्रदीप शर्मा का नाम पहली बार इस मामले में सामने आया है। 2004 में सचिन वाझे, प्रदीप शर्मा के नेतृत्ववाली अंधेरी सीआइयू यूनिट में काम करता था। दूसरी ओर मनसुख हत्याकांड में गिरफ्तार विनायक शिंदे भी प्रदीप शर्मा के साथ लखन भैया फर्जी एनकाउंटर कांड में शामिल था। इस मामले में शिंदे को तो आजीवन कारावास की सजा हो गई, लेकिन प्रदीप शर्मा बाइज्जत बरी हो चुके हैं। प्रदीप शर्मा फिलहाल शिवसेना के नेता हैं, और उसी नालासोपारा क्षेत्र से 2019 का विधानसभा चुनाव शिवसेना के टिकट पर लड़ चुके हैं, जहां मनसुख हिरेन की हत्या होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। बुधवार को एनआइए कोर्ट से सचिन वाझे की हिरासत बढ़ाने की अपील करते हुए एनआइए के वकील ने कहा कि अंटीलिया स्कार्पियो कांड की साजिश में मनसुख हिरेन भी शामिल था। इसके अलावा वाझे के बिजनेस खातों में 1.5 करोड़ रुपये होने की बात भी कोर्ट को बताई। इन मामलों में वाझे से और जानकारी जुटाने के तर्क के साथ उसकी हिरासत बढ़ाने की बात कही गई थी।