Maharashtra: ब्रिगेडियर पर महिला सहकर्मी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज

Maharashtra भारतीय सेना की एक महिला अधिकारी द्वारा फांसी लगा लेने के कुछ दिन बाद पुलिस ने ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस इस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 09:47 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 09:47 PM (IST)
Maharashtra: ब्रिगेडियर पर महिला सहकर्मी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज
ब्रिगेडियर पर महिला सहकर्मी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज। फाइल फोटो

पुणे, प्रेट्र। सैन्य खुफिया प्रशिक्षण विद्यालय व डिपो परिसर स्थित अपने सरकारी आवास में भारतीय सेना की एक महिला अधिकारी द्वारा फांसी लगा लेने के कुछ दिन बाद पुलिस ने ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, महिला अधिकारी प्रशिक्षण के सिलसिले में सैन्य खुफिया प्रशिक्षण विद्यालय आई थीं। पुलिस के अनुसार, बुधवार को लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक की यह अधिकारी अपने सरकारी आवास पर फांसी से लटकी मिली थीं। उन्होंने दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। पुलिस उपायुक्त (क्षेत्र 5) नम्रता पाटिल ने रविवार को कहा, 'उनके पति की शिकायत के बाद हमने ब्रिगेडियर स्तर के साथी अधिकारी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। मामले की जांच चल रही है।'

यह घटना बुधवार सुबह को उस समय सामने आई जब एक कर्मचारी महिला अधिकारी को चाय देने गया था और उसने उन्हें फांसी पर लटका पाया था। पुलिस ने बताया था कि आत्महत्या करने वाली महिला अधिकारी के कुछ घरेलू मुद्दे थे। उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर रखी थी। बताया जाता है कि ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी फिलहाल शिमला में पदस्थापित है। वह महिला अधिकारी के साथ रिलेशन में था। उसने महिला अधिकारी की कुछ अनुचित तस्वीरें खींच ली थीं और इनके सहारे वह उनको ब्लैकमेल करता था।

गौरतलब है कि मुंबई के एक सत्र न्यायालय ने एचआइवी पाजिटिव महिला की जेल से रिहाई से इन्कार कर दिया है। गिरफ्तारी से पहले यह महिला देह व्यापार में शामिल थी। न्यायालय ने कहा है कि उसकी रिहाई से समाज में एड्स संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए महिला की रिहाई समाज के लिए हितकर नहीं होगी। महिला के वकील के अनुसार, वह एक अभिनेत्री है और उसके पिता पुलिस विभाग में हैं। सत्र न्यायालय ने मजिस्ट्रेट के आदेश को इस महीने की शुरुआत में ही बरकरार रखा था, लेकिन यह आदेश शुक्रवार को सामने आया है। पुलिस ने इस महिला को देह व्यापार करते हुए रंगे हाथ पकड़ा था और अनैतिक आचरण (रोकथाम) अधिनियम के तहत उसका चालान किया था। कानून के अनुसार, मजिस्ट्रेट को इस तरह की महिलाओं को नारी संरक्षण गृह या जेल भेजने का अधिकार होता है। मजिस्ट्रेट के अधिकार के विरोध में महिला के वकील ने डिंदोशी के सत्र न्यायालय में उसकी रिहाई के लिए अर्जी दी।

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