चीन से स्पर्धा में सहारा बनेगा बीएसई स्टार्ट-अप्स

Ajay Thakur बीएसई का स्टार्ट-अप्स प्लेटफॉर्म नए उद्यमियों का सहारा बनने को तैयार है। इस उद्देश्य में आइआइटी एल्युमनी काउंसिल भी बीएसई की पूरी मदद को तैयार है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 09:21 PM (IST)
चीन से स्पर्धा में सहारा बनेगा बीएसई स्टार्ट-अप्स
चीन से स्पर्धा में सहारा बनेगा बीएसई स्टार्ट-अप्स

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Ajay Thakur: कोविड संकट व चीन से स्पर्धा के दौर में बीएसई (पूर्ववर्ती नाम बांबे स्टॉक एक्सचेंज) का स्टार्ट-अप्स प्लेटफॉर्म नए उद्यमियों का सहारा बनने को तैयार है। इस उद्देश्य में आइआइटी एल्युमनी काउंसिल भी बीएसई की पूरी मदद को तैयार है। देश की आर्थिक गतिविधियों की नब्ज समझे जाने वाले बीएसई ने बीएसई स्टार्ट-अप प्लेटफॉर्म की शुरुआत दिसंबर, 2018 में की थी। लेकिन अब तक इसमें सिर्फ पांच स्टार्ट-अप्स की ही लिस्टिंग हो सकी है। कोविड-19 के दौरान पैदा हुए औद्योगिक संकट एवं चीन से स्पर्धा कै दौर में बीएसई एवं आइआइटी एल्युमनी काउंसिल ने मिलकर इस मुहिम को आगे बढ़ाने का विचार किया है।

बीएसई-एसएमई के चेयरमैन अजय ठाकुर के अनुसार, देश के 23 आइआइटी से निकले पूर्व छात्रों की प्रतिनिधि संस्था आइआइटी एल्युमनी काउंसिल के पास निवेशकों एवं मार्गदर्शकों का एक बड़ा नेटवर्क है। इस नेटवर्क के माध्यम से वह उभरते उद्यमियों को बीएसई की लिस्टिंग तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है। इस मदद से बीएसई स्टार्ट-अप्स प्लेटफॉर्म तक पहुंचे नए उद्योगों का न सिर्फ आर्थिक संकट दूर होगा, बल्कि कोविड संकट एवं चीनी स्पर्धा के दौर में वे भारत को नई ऊंचाइयों पर भी ले जाने में समर्थ हो सकेंगे। ठाकुर के मुताबिक, भारत सरकार ने हाल ही में जिन 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित किया है, उन क्षेत्रों में तो नए उद्यमियों के लिए बेहतर गुंजाइश है ही, इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं कृषि क्षेत्र में भी नए उद्यमी बेहतर काम दिखा सकते हैं।

इस अवसर पर आइआइटी एल्युमनी काउंसिल के अध्यक्ष एवं चीफ वॉलंटियर रवि शर्मा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि स्टार्ट-अप कंपनियां अक्सर वेंचर कैपिटल (वीसी) एवं प्राइवेट इक्विटी (पीई) के जरिये रकम जुटाने में परेशान रहती हैं। अब वे अपने उद्योगों की सुरक्षित फंडिग के लिए बीएसई में लिस्टिंग का वैकल्पिक मार्ग भी चुन सकती हैं। शर्मा के अनुसार, अब तक स्टार्टअप्स में दर्ज ज्यादातर तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां अपना काम तो बेहतर कर लेती हैं। लेकिन सही वित्तीय मार्गदर्शन न मिलने के कारण वे बीएसई में लिस्टिंग नहीं करवा पातीं। अब एल्युमनी काउंसिल अपने मेगा फंड से स्टार्ट-अप कंपनियों को आगे बढ़ने और उन्हें आइपीओ लाने में मदद देगी। शर्मा के अनुसार, एल्युमनी काउंसिल ने 21,000 करोड़ का मेगा फंड तैयार कर रखा है, जो भविष्य में स्टार्ट-अप्स के काम आ सकता है।

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