Maharashtra: जैन समुदाय के मंदिरों से भोजन के पार्सल लेने के लिए बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब

Maharashtra जस्टिस एससी गुप्ते और अभय आहूजा की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि दो जैन ट्रस्ट ने याचिका दायर करके अपने समुदाय के लोगों के लिए पवित्र उबले हुए भोजन के पार्सल को मंदिर से ले जाने की अनुमति मांगी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 05:47 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 07:06 PM (IST)
Maharashtra: जैन समुदाय के मंदिरों से भोजन के पार्सल लेने के लिए बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब
जैन समुदाय के मंदिरों से भोजन के पार्सल लेने के लिए कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। Maharashtra: बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है क्या जैन समुदाय के लोगों को नौ दिनों के वार्षिक त्योहार अयंबिल ओली टैप पर अपने मंदिरों से विशेष प्रकार के प्रसाद के लिए पार्सल घर ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इधर, याचिकाकर्ता का कहना है कि यह उनकी वाजिब अपील है। वहीं, जस्टिस एससी गुप्ते और अभय आहूजा की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि दो जैन ट्रस्ट ने याचिका दायर करके अपने समुदाय के लोगों के लिए पवित्र उबले हुए भोजन के पार्सल को मंदिर से ले जाने की अनुमति मांगी है। ट्रस्ट के वकील प्रफुल्ल शाह ने आग्रह किया कि व्रत के दौरान ट्रस्ट के परिसर में यही भोजन समुदाय के लोगों को परोसा जाता है। उन्होंने कहा कि वह मंदिरों या डाइनिंग हाल खोलने की अनुमति नहीं मांग रहे हैं। बल्कि वह इस प्रसाद को पार्सल में ले जाने की अनुमति मांग रहे हैं, ताकि कोरोना के संक्रमण काल में किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं हो।

इधर, प्रफुल्ल शाह ने दलील दी कि राज्य सरकार का 13 अप्रैल का 'ब्रेक द चेन' संबंधी आदेश रेस्त्रां और बार को होम डिलेवरी और टेक अवे की सुविधा देता है। हम भी वही अनुमति मांग रहे हैं, वह भी केवल नौ दिनों यानी 19 अप्रैल से 27 अप्रैल तक के लिए ही पार्सल चाहिए। इससे मंदिर में कोई भीड़भाड़ नहीं होगी। इस पर सरकार की ओर से वकील ज्योति चव्हाण ने कहा कि लोगों को पार्सल लेने के लिए मंदिरों में झुंड नहीं बनाना चाहिए। इस पर जस्टिस गुप्ते ने कहा कि आपके समुदाय में स्वयंसेवी होंगे जो पार्सल पहुंचा सकें। अदालत ने सरकार को भी इस मुद्दे पर विचार करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि अयंबिल ओली टैप के दौरान जैन समुदाय के लोग बिना मसाले का उबला हुआ विशेष प्रकार से बनाया भोजन ही ग्रहण करते हैं।

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