Maharashtra: अनिल देशमुख को जारी ईडी का समन रद करने से बांबे हाई कोर्ट ने किया इन्कार

Maharashtra अनिल देशमुख द्वारा दायर उस याचिका को बांबे हाई कोर्ट ने खाजिर कर दिया जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा जारी समन को रद करने की मांग की थी। ईडी ने देशमुख को समन जारी कर कथित मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में पेश होने के लिए कहा था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 03:27 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 06:32 PM (IST)
Maharashtra: अनिल देशमुख को जारी ईडी का समन रद करने से बांबे हाई कोर्ट ने किया इन्कार
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। बांबे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा दायर उस याचिका को खाजिर कर दिया, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को रद करने की मांग की थी। ईडी ने देशमुख को समन जारी कर कथित मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में पेश होने के लिए कहा था। हाई कोर्ट ने कहा कि समन को रद करने के लिए देशमुख मामला बनाने में नाकाम रहे हैं। इसने आगे कहा कि पूर्व मंत्री की याचिका ईडी और सीबीआइ को उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने के आदेश के योग्य नहीं है। हालांकि, अदालत ने आगे कहा कि यदि देशमुख को इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका है तो उनको अधिकार है कि इससे बचने के लिए वे आम व्यक्ति की तरह उचित अदालत से संपर्क करें।

ईडी को हाई कोर्ट ने दिया ये निर्देश

हाई कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वह देशमुख से पूछताछ के दौरान अपने कार्यालय में उनके वकील को इतनी दूरी पर रहने की इजाजत दे कि वे एक-दूसरे को देख सकें, लेकिन उनकी आवाज सुनाई न दे। राकांपा नेता पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद 21 अप्रैल को सीबीआइ ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ जांच शुरू की और उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया। सीबीआइ की प्राथमिकी मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज की गई थी।

अनिल देशमुख के मुंबई व नागपुर आवासों पर सीबीआइ ने की थी छापेमारी

सीबीआइ की टीम ने गत दिनों मुंबई स्थित देशमुख के घर के अलावा अनिल देशमुख के नागपुर आवास पर भी छापा मारा व पूरे घर तथा कार्यालय की तलाशी ली। देशमुख के घर पर छापेमारी खबर सुनते ही काफी संख्या में उनके घर के बाहर राकांपा के कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और केंद्र सरकार तथा सीबीआइ के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। लेकिन सीबीआई का तलाशी अभियान काफी देर तक चलता रहा। सीबीआइ मुंबई उच्च न्यायालय के निर्देश पर अनिल देशमुख की जांच कर रही है। यह जांच मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा उन पर पुलिस अधिकारियों की मदद से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का करवाने का आरोप लगने के बाद उच्च न्यायालय ने शुरू करवाई है।

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