Maharashtra: अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी जांच का दायरा बढ़ाए सीबीआइ: बॉम्बे हाई कोर्ट

Maharashtra कोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि अनिल देशमुख के खिलाफ दायर एफआइआर के सिलसिले में सीबीआइ अपनी जांच का दायरा बढ़ाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि प्रशासन का प्रमुख निर्दोष होने का दावा नहीं कर सकता और वह समान रूप से जिम्मेदार है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 07:45 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 07:45 PM (IST)
Maharashtra: अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी जांच का दायरा बढ़ाए सीबीआइ: बॉम्बे हाई कोर्ट
अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी जांच का दायरा बढ़ाए सीबीआइ: बॉम्बे हाई कोर्ट। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दायर एफआइआर के सिलसिले में सीबीआइ अपनी जांच का दायरा बढ़ाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि प्रशासन का प्रमुख निर्दोष होने का दावा नहीं कर सकता और वह समान रूप से जिम्मेदार है। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने कहा कि अगर हाई कोर्ट के पांच अप्रैल के आदेश को सही मायनों में देखा जाए तो हर व्यक्ति की भूमिका की जांच करनी होगी। पांच अप्रैल को हाई कोर्ट ने देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ सीबीआइ को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए थे। अदालत देशमुख की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीबीआइ द्वारा 24 अप्रैल को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप में दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग की गई थी। यह एफआइआर हाई कोर्ट के आदेश पर की गई प्रारंभिक जांच के बाद दर्ज की गई थी।

पीठ ने कहा कि जो भी प्रशासन का प्रमुख हो, यह कहकर निर्दोष होने का दावा नहीं कर सकता कि वह सिर्फ कार्यपालिका के आदेश का पालन कर रहा था। प्रशासन का प्रमुख भी समान रूप से जिम्मेदार है। मंत्री ने सचिन वाझे को बहाल करने के लिए कहा होगा, लेकिन क्या प्रमुख और शीर्ष पद पर बैठा व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किए बगैर सिर्फ आदेशों का पालन कर सकता है। जस्टिस शिंदे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सीबीआइ अपनी जांच का दायरा बढ़ाएगी। उम्मीद है कि सीबीआइ को पता चल गया होगा कि साजिशकर्ता कौन हैं। पीठ ने कहा कि अगर वाझे इतना ही खतरनाक व्यक्ति था तो उन्हें पुलिस में बहाल करने वाली समिति को भी आरोपितों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। अदालत ने सवाल किया कि अभी हम कोई नाम नहीं ले रहे हैं। 15 साल बाद इस इंस्पेक्टर (वाझे) को कितने बहाल किया?' सीबीआइ की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल अमन लेखी ने बताया कि जांच एजेंसी ने पता लगा लिया है कि साजिशकर्ता कौन हैं।

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