Sushant Singh Rajput Case: सुशांत सिंह राजपूत मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से अब भी दूर है बिहार पुलिस

Sushant Singh Rajput Case बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर ने स्वीकार किया कि उनके पास अभी सुशांत के पिता द्वारा पटना मेदर्ज कराई गई प्राथमिकी के सिवा और कुछ नहीं है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 10:32 PM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 10:32 PM (IST)
Sushant Singh Rajput Case: सुशांत सिंह राजपूत मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से अब भी दूर है बिहार पुलिस
Sushant Singh Rajput Case: सुशांत सिंह राजपूत मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से अब भी दूर है बिहार पुलिस

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में बिहार पुलिस अब भी परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से कोसों दूर दिखाई दे रही है, जबकि कानून के जानकारों का मानना है कि इस मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य ही निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। उधर, मालवणी पुलिस ने उसे बताया कि दिशा सालियान से संबंधित फोल्डर ही डिलीट हो गया है। बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने रविवार को टीवी चैनलों से बातचीत में स्वीकार किया है कि उनके पास अभी सुशांत के पिता द्वारा पटना के राजीव नगर थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के सिवा और कुछ भी नहीं है। न तो बिहार पुलिस को अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट हासिल हो सकी है, न ही सीसीटीवी फुटेज और न घटनास्थल की वीडियोग्राफी फुटेज मिली है। रविवार को मुंबई पहुंचे बिहार पुलिस के एसपी विनय तिवारी ने भी माना कि अभी वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।

नहीं खोजा जा सकता दिशा सालियान से संबंधित फोल्डर

शनिवार रात से बिहार पुलिस ने सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की आत्महत्या को भी सुशांत मामले से जोड़कर इसकी जांच शुरू की है। इसी मामले में बिहार पुलिस टीम शनिवार शाम मालवणी पुलिस से मिलने पहुंची थी। मालवणी पुलिस ने उसे बताया कि दिशा सालियान से संबंधित फोल्डर ही डिलीट हो गया है जिसे अब खोजा नहीं जा सकता, यानी यह तथ्य भी बिहार पुलिस की पहुंच से दूर हो चुका है। बता दें कि दिशा सालियान की आत्महत्या की घटना सुशांत की आत्महत्या से सिर्फ छह दिन पहले आठ जून की रात को हुई थी। मुंबई पुलिस इस मामले की जांच भी सिर्फ आत्महत्या मानकर ही करती रही है जबकि सुशांत से जुड़े लोग शुरू से मानते आ रहे हैं कि एक सप्ताह भीतर हुई उक्त दोनों आत्महत्याओं में कोई गहरा संबंध जरूर है।

जानें, क्या कहते हैं कानून के जानकार

कानूनी जानकारों का भी मानना है कि जांच एजेंसी कोई भी हो, उसे इन दोनों मामलों को जोड़कर ही जांच आगे बढ़ानी चाहिए। वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम कहते हैं कि सुशांत और दिशा दोनों ने आत्महत्या से पहले कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा और दोनों किसी न किसी रूप में पहले एक-दूसरे को जानते भी रहे हैं। दोनों की आत्महत्या की घटनाएं एक सप्ताह के अंदर हुई हैं। ऐसी स्थिति में परिस्थितिजन्य साक्ष्य ही किसी निर्णय तक पहुंचा सकते हैं। उनके अनुसार पुलिस को यह जरूर पता करना चाहिए कि दिशा की आत्महत्या के बाद सुशांत के व्यवहार में क्या बदलाव आया। उसने अपने कार्यक्रमों में क्या बदलाव किए। दिशा की आत्महत्या के बाद सुशांत की किस-किस से क्या-क्या बात हुई। निकम के अनुसार हत्या, आत्महत्या और आत्महत्या के लिए उकसाना, तीनों मामलों में इनका उद्देश्य स्थापित होना जरूरी होता है। सुशांत के डिप्रेशन में होने की बात पर उज्ज्वल निकम कहते हैं कि इस तथ्य पर भरोसा करने से पहले यह भी जांचना जरूरी है कि पहली प्रेमिका अंकिता लोखंडे से अलगाव के बाद सुशांत के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया था। निकम के अनुसार इन परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की कडि़यां जोड़कर ही कोई जांच एजेंसी किसी निर्णय पर पहुंच सकती है।

जरूरत पड़ेगी तो की जाएगी रिया से पूछताछ

दूसरी ओर पिछले बुधवार से मुंबई में मौजूद बिहार पुलिस की चार सदस्यीय टीम का नेतृत्व करने पहुंचे एसपी विनय तिवारी का कहना है कि उनकी टीम ने अब तक कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। वह उनके साथ बैठकर इन बयानों का विश्लेषण करेंगे। इसके आधार पर ही बिहार पुलिस की जांच आगे बढ़ेगी। क्या वह रिया चक्रवर्ती से भी पूछताछ करेंगे, इस पर उनका कहना था कि जब, जिससे पूछताछ की जरूरत पड़ेगी, की जाएगी। इस मामले के सभी पहलुओं का आकलन करके ही जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

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