Coronavirus in Maharashtra: महाराष्ट्र ने बढ़ाई चिंता, अमरावती में हफ्तेभर का लॉकडाउन, सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक

Coronavirus मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सोमवार से राज्य में राजनीतिक धार्मिक और सामाजिक समारोहों पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना फिर से बढ़ रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 07:48 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 10:18 PM (IST)
Coronavirus in Maharashtra: महाराष्ट्र ने बढ़ाई चिंता, अमरावती में हफ्तेभर का लॉकडाउन, सभी तरह के कार्यक्रमों पर रोक
महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक समारोहों पर रोक। फाइल फोटो

मुंबई, प्रेट्र। Coronavirus: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सोमवार से सभी तरह के राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाने का एलान किया है, ताकि ज्यादा संख्या में एक स्थान पर लोगों का जमावड़ा न हो। अमरावती जिले में एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। पुणे में भी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान को बंद करने का आदेश दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लाने को कहा है। टीवी पर राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राजनीतिक धरना प्रदर्शनों को भी कुछ दिनों के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि इनमें भीड़ ज्यादा होती है।

उन्होंने कहा कि राज्य में महामारी फिर सिर उठा रही है, लेकिन यह दूसरी लहर है या नहीं यह आठ से 15 दिनों में पता चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं हो सकता है, लेकिन संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए यह एक मात्र विकल्प है। उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह भी किया।

वहीं, उद्धव सरकार में मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि अमरावती में 22 फरवरी से लॉकडाउन लगाया गया है, जो एक मार्च की सुबह आठ बजे तक जारी रहेगा। इसके अलावा अमरावती मंडल के चार अन्य जिलों अकोला, वाशिम, बुल्ढाड़ा और यवतमाल में भी कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। आवश्यक सामान की दुकानों को छोड़कर लॉकडाउन में सभी दुकानें, सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, ट्रेनिंग स्कूल बंद रहेंगे। लोगों को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ही सामान खरीदने की छूट होगी।

अमरावती में रविवार को 709 नए मामले मिले। पुणे में भी 28 फरवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद कर दिए गए हैं। रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर बाकी लोगों के घर से निकलने पर रोक लगा दी गई है। विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लोगों की लापरवाही से मामले बढ़ रहे हैं। लोगों ने मास्क पहनना और दो गज की दूरी बनाए रखना छोड़ दिया है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान छह हजार से ज्यादा नए मामले मिले हैं।

पिछले कुछ दिनों से केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते दैनिक आंकड़ों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। इन राज्यों के चलते पिछले 22 दिनों में शनिवार को पहली बार करीब 14 हजार नए मामले सामने आए और 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केरल में तो रोजाना सबसे ज्यादा मामले आ ही रहे थे, पिछले हफ्ते से महाराष्ट्र में भी ज्यादा मामले मिलने लगे हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी मामले बढ़े हैं। पिछले चौबीस घंटों के दौरान महाराष्ट्र में छह हजार से अधिक और केरल में करीब पांच हजार नए मामले मिले हैं। इस दौरान छत्तीसगढ़ में 259, पंजाब में 383 और मध्य प्रदेश में 297 मामले सामने आए हैं। मध्य प्रदेश में 13 फरवरी के बाद से ही नए मामलों में वृद्धि हो रही है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई। इनमें तेलंगाना, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, असम, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, लद्दाख, मिजोरम, सिक्किम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव शामिल हैं।

मंत्रालय ने कहा कि इन राज्यों में बढ़ते मामलों का असर देश के आंकड़ों पर पड़ा है और सुबह आठ बजे तक मिले आंकड़ों के मुताबिक तीन हफ्ते बाद पहली बार एक दिन में 13,993 नए केस मिले हैं और 101 लोगों की मौत हुई है, जिनमें महाराष्ट्र में 44, केरल में 15 और पंजाब में आठ मौतें शामिल हैं। कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ नौ लाख 77 हजार को पार कर गया है। इनमें से एक करोड़ छह लाख 78 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं और 1,56,212 लोगों की जान भी जा चुकी है। मरीजों के उबरने की दर बढ़कर 97.27 फीसद हो गई और मृत्युदर घटकर 1.42 फीसद पर आ गई है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सक्रिय मामलों यानी उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1.5 लाख से नीचे बनी हुई है। वर्तमान में 1,43,127 सक्रिय मामले हैं, जो कुल मामलों का 1.27 प्रतिशत है। 

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