Maharashtra: किसानों की मांगों को लेकर शनिवार से अनशन नहीं करेंगे अन्ना हजारे

Maharashtra अन्ना हजारे ने किसानों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार से अनशन नहीं करने का फैसला किया है। शुक्रवार को यह जानकारी अन्ना हजारे कार्यालय ने दी। देवेंद्र फड़नवीस के साथ कृषि कैलाश चौधरी ने उनके गृहनगर रालेगणसिद्ध में अन्ना हजारे से मुलाकात की।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 08:52 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 08:52 PM (IST)
Maharashtra: किसानों की मांगों को लेकर शनिवार से अनशन नहीं करेंगे अन्ना हजारे
किसानों की मांगों को लेकर शनिवार से प्रदर्शन नहीं करेंगे अन्ना हजारे। फाइल फोटो

मुंबई, एएनआइ। Maharashtra: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार से अनशन नहीं करने का फैसला किया है। शुक्रवार को यह जानकारी अन्ना हजारे कार्यालय ने दी। देवेंद्र फड़नवीस के साथ कृषि कैलाश चौधरी ने उनके गृहनगर रालेगणसिद्ध में अन्ना हजारे से मुलाकात की, ताकि उन्हें अनशन शुरू करने के लिए मना सकें। अन्ना हजारे कार्यालय के मुताबिक, बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कृषि मंत्रालय, नीति आयोग अन्ना हजारे द्वारा अनुशंसित कुछ सदस्यों वाली एक समिति अन्ना हजारे की किसानों से संबंधित मांगों को लागू करने व पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में एक प्रस्ताव बनाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले वीरवार को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने इस बात पर अफसोस जताया था कि केंद्र सरकार ने किसानों को लेकर उनके अनुरोध की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए उन्होंने 30 जनवरी से अनशन करने का फैसला किया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ कई मुहिम चला चुके हजारे ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर वे पिछले चार वर्षों से संघर्ष कर हैं। सिर्फ तीन महीने में उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री को पांच बार पत्र लिखा है। लेकिन, ऐसा लगता है कि किसानों के मुद्दे पर सरकार सही फैसले नहीं ले रही है। किसानों की बदहाली को लेकर सरकार संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा था कि इन सब बातों को देखते हुए 30 जनवरी से वे रालेगण सिद्धि में यादवबाबा मंदिर के सामने अनशन करेंगे।

अपने संघर्षों का विवरण देते हुए हजारे ने कहा कि उन्होंने 23 मार्च, 2018 को दिल्ली में भूख हड़ताल की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने 29 मार्च को एमएसपी और अन्य मुद्दों को लेकर लिखित आश्वासन दिया था। लेकिन, सरकार ने अपने आश्वासन का पालन नहीं किया। इसके बाद वे 30 जनवरी, 2019 को फिर अनशन पर बैठे। एक सप्ताह बाद केंद्रीय कृषि मंत्री और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की। छह महीनों तक चली बातचीत के बाद मुझे फिर लिखित आश्वासन दिया, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपने वादों का पालन नहीं करेगी तो देश और समाज की तरक्की कैसे होगी।

chat bot
आपका साथी