Maharashtra: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ईडी के सामने पेश होंगेः अनिल देशमुख

Maharashtra अनिल देशमुख ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका पर फैसला आने के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होंगे। देशमुख ने ईडी के बल प्रयोग से बचने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 08:15 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 08:15 PM (IST)
Maharashtra: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ईडी के सामने पेश होंगेः अनिल देशमुख
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ईडी के सामने पेश होंगेः अनिल देशमुख। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका पर फैसला आने के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होंगे। देशमुख ने ईडी के बल प्रयोग से बचने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। ईडी उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में देशमुख सहित उनकी पत्नी व पुत्र से पूछताछ करना चाहती है। राकांपा नेता का यह बयान ईडी द्वारा उनके दो आवासों की तलाशी के एक दिन बाद आया है। इससे पहले ईडी उनकी चार करोड़ रुपयों से अधिक की संपत्तियां भी जब्त कर चुका है। सोमवार को देशमुख ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि मुझे पूछताछ के लिए ईडी के सम्मन मिले हैं। उसके बाद मैंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका पर फैसला आने के बाद ही मैं ईडी के सामने अपना बयान दर्ज कराने जाऊंगा।

ईडी मनी लांड्रिंग केस में ही देशमुख के दो सहायकों की गिरफ्तारी कर चुका है। उसने पूछताछ के लिए देशमुख, उनकी पत्नी आरती व पुत्र ऋषिकेश को भी सम्मन भेजा था, लेकिन अब तक इनमें से कोई भी ईडी के सामने अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा है। देशमुख ने सोमवार को जारी अपने वीडियो संदेश में यह भी कहा कि ईडी ने मेरी कुछ संपत्तियों की प्रारंभिक जब्ती भी की है। इनकी कीमत करीब चार करोड़ रुपये है। देशमुख के अनुसार, उनके पुत्र सलिल ने एक भूखंड 2006 में 2.67 करोड़ में खरीदा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी कीमत आज 300 करोड़ बताई जा रही है, जोकि गलत है।

अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पुलिस अधिकारियों के जरिए मुंबई के बारों से 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली करवाने का आरोप लगाया था। सिंह के इस आरोप के आधार पर ही मुंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया है। साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय भी उनके द्वारा किए गए अवैध लेनदेन की जांच कर रहा है। इस मामले में ईडी अब तक मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआइ सचिन वाझे सहित कई लोगों से पूछताछ कर चुका है। वाझे ने भी एनआइए कोर्ट को लिखे अपने पत्र में देशमुख पर 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली का आदेश देने का आरोप लगाया था।

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