Bhandara Fire Victims: चार मृत बच्‍चों के बाद पांचवेंं बच्‍चे की भी जलने से मौत, भानारकर दंपति की दुख भरी कहानी

Bhandara Hospital Fire महाराष्ट्र के भंडारा जिला में शनिवार को जिला अस्‍पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU)में आग लगने से दस बच्‍चों की दर्दनाक मौत हो गई। वार्ड में 17 नवजात बच्‍चों को रखा गया था इनमें 1 दिन से लेकर तीन माह तक के बच्‍चे भर्ती थे।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 09:59 AM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 09:59 AM (IST)
Bhandara Fire Victims: चार मृत बच्‍चों के बाद पांचवेंं बच्‍चे की भी जलने से मौत, भानारकर दंपति की दुख भरी कहानी
सरकारी अस्पताल में आग लगने से दस बच्‍चों की मौत का दर्द

 मुंबई, पीटीआइ। महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सरकारी अस्पताल में आग लगने से दस बच्‍चों की मौत के इस असहनीय दर्द भूल पाना उन पीड़ित परिवारों के लिए असंभव है जिन्‍होंनें अपने कलेजे के टुकड़ों को अभी जी भर कर देखा भी नहीं था। इस दर्दनाक घटना में अपनी बच्‍ची को खो चुके एक पिता ने अपन दुख साझा किया पीड़ित दंपति हीरालाल और हिरकन्या भानारकर की शादी 14 साल पहले हुई थी। तब से दोनों अपने एक बच्चे का सपना देख रहे थे। हालांकि, चार बार गर्भवती होने के बावजूद हिरकन्या कभी जीवित बच्चे को जन्म नहीं दे सकी। 

 चार बच्‍चों  की मौत का गम सहते हुए हिरकन्या 39 साल की उम्र में पांचवीं बार गर्भवती हुई। उन्होंने तय किया था कि इस साल कुछ भी करके उनके बच्चे को जीवित रहना होगा। हालत खराब होने पर हिरकन्‍या का निजी अस्पताल में इलाज किया गया, जो महंगी दवाएं ले रही थी।  बीती 6 जनवरी को, हिरकन्या ने साकोली उप-जिला अस्पताल में एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया। पहली बार जीवित बच्चे को जन्म देने पर हर कोई खुश था। लेकिन जिस लड़की का जन्म हुआ उसका वजन मात्र 1 किलो था। परिणामस्वरूप उसे तुरंत भंडारा जिला अस्पताल में एसएनसीयू में भर्ती कराया गया।

 वह दो दिनों तक वहां रही और 8वें की रात को हीराकन्या और हीरालाल की बेटी की आग में जलकर मौत हो गई। हीरालाल और हिरकन्या जिन्हें पिछले चार बुरे अनुभव थे, उन्होंने सपना में देखा था कि उनका बच्चा इस साल अपने घर पर हंसेगा और खेलेगा। हालांकि, उन्होंने सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली के अनाड़ी प्रबंधन के कारण सब कुछ खो दिया।

 इस बार, हिरकन्‍या ने प्रसव के सातवें महीने में बच्‍ची को जन्म दिया था। गर्भवती होने के बाद उनके साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना भी हुई। हीराकन्या के घर में शौचालय नहीं था। कुछ दिनों पहले, शौच के लिए जाते समय गिर गई और उसके गर्भाशय में चोट आई। इसलिए उसे  बच्‍ची को जल्दी जन्म देना पड़ा।  

 गौरतलब है कि महाराष्ट्र के भंडारा में शुक्रवार देर रात एक सरकारी जिला अस्‍पताल  में आग लग गई थी जिसमें 10 नवजात बच्‍चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस वार्ड में 17 बच्‍चे भर्ती थी जिनकी उम्र एक दिन से लेकर तीन माह तक बतायी गई थी। ये हादसा शुक्रवार देर रात 2 बजे हुआ था। वार्ड से धुआं उठता देख नर्स को हादसे की भनक लगी। नर्स दौड़कर वार्ड तक पहुंची लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और दस बच्‍चे आग में झुलस चुके थे। बता दें कि अस्‍पताल के सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU)में उन्‍हीं बच्‍चों को रखा जाता है जिनकी हालत काफी नाजुक होती है और जन्‍म के समय जिनका वजन बहुत कम होता है। 

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