Building Collapsed In Kopar: इस युवक की सतर्कता से बची 75 लोगों की जान

Building Collapsed In Kopar कोपर के डोंबिवली में दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा ढह गया। इस दौरान एक युवक की सतर्कता से 75 लोगों की जान बच गई। कुणाल के मुताबिक मैंने रसोई का हिस्सा गिरते देखा और सभी को इमारत खाली करने के लिए सचेत किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 04:53 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 04:53 PM (IST)
Building Collapsed In Kopar: इस युवक की सतर्कता से बची 75 लोगों की जान
महाराष्ट्र में एक युवक की सतर्कता से बची 75 लोगों की जान।

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में कोपर के डोंबिवली में दो मंजिला इमारत का एक हिस्सा 29 अक्टूबर को ढह गया।इस दौरान एक युवक की सतर्कता से 75 लोगों की जान बच गई। 18 वर्षीय कुणाल के मुताबिक, सुबह तक वेब सीरीज देखने के दौरान मैंने रसोई का हिस्सा गिरते देखा और सभी को इमारत खाली करने के लिए सचेत किया। इससे पहले गत सितंबर में महाराष्ट्र में ठाणे के भिवंडी इलाके में पटेल कंपाउंड क्षेत्र में 21 सितंबर को तीन मंजिला इमारत ढहने से हुए हादसे में करीब 41 लोगों की मौत हो गई थी। भिवंडी इलाके के पटेल कंपाउंड में स्थित जिलानी अपार्टमेंट के नाम से मशहूर तीन मंजिला इमारत का एक हिस्‍सा अचानक ढह गया था । ये हादसा तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर हुआ था, उस समय सभी लोग सो रहे थे।

इमारत के ढहते ही आस-पास के इलाकों में जैसे भूकंप आ गया। सभी स्‍थानीय लोग आवाज सुनते ही घटनास्‍थल की ओर दौड़ पड़े और मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुट गए। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच लोगों को जान बचाने में लग गई। ठाणे से लगभग 10 किलोमीटर दूर भिवंडी के पावरलूम शहर में स्थित इस इमारत में फ्लैट बने हुए थे, जिनमें लगभग 150 व्यक्ति रहते थे। ये इमारत 43 साल पुरानी बताई गई है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और इमारत के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान के अनुसार मलबे में फंसे लोगों की तलाश करने के लिए कैनाइन दस्ते का इस्तेमाल किया गया था।

घटनास्‍थल पर मौजूद प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद ही यहां आसपास के लोग यहां पहुंच गये और मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की। एहतियात के तौर पूरे इलाके में बिजली की आपूर्ति रोक दी गई थी। घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। घटनास्‍थल का दौरा करने पहुंचे मंत्री एकनाथ शिंदे ने तुरंत ही इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए और प्रत्येक पीड़ित के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। मंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि पावरलूम शहर में 102 जर्जर इमारतों को पहले ही खाली करवा दिया गया था, लेकिन इस इमारत का नाम इस सूची में कहीं दर्ज नहीं था। बीएमसी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस इमारत से संबंधित दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

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