Coronavirus: महाराष्ट्र में कोरोना के 49447 नए मामले और 277 मौतें
Coronavirus मुंबई में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9090 नए मामले सामने आए 5322 रिकवर हुए और 27 मौतें हुईं। सक्रिय मामले 62187 हैं। कुल 366365 रिकवर हुए और 11751 की मौत हुई। वहीं नागपुर में कोरोना के 3720 नए मामले सामने आए।
मुंबई, एएनआइ। Coronavirus: महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 49447 नए मामले सामने आए, 37821 रिकवर हुए और 277 मौतें हुई हैं। सक्रिय मामले 4,01,172 हैं। कुल 24,95,315 रिकवर हुए। कोरोना से अब तक 55,656 की जान जा चुकी है। इस बीच,मुंबई में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9,090 नए मामले सामने आए, 5,322 रिकवर हुए और 27 मौतें हुईं। सक्रिय मामले 62,187 हैं। कुल 3,66,365 रिकवर हुए और 11,751 की मौत हुई। वहीं, नागपुर जिले में सिविल सर्जन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,720 नए मामले सामने आए, 3,600 रिकवर हुए और 47 मौतें हुईं। कुल मामले 2,37,496 हैं। कुल 1,91,411 रिकवर हुए। सक्रिय मामले 40,820 हैं। कोरोना से अब तक 5265 की मौत हुई।
इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश में कोरोना के 47827 नए मामले सामने आए और 202 मौतें हुई हैं। राज्य में कुल मामले 29,04,076 हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संकेत दिए हैं कि यदि राज्य में कोरोना की स्थिति सुधरती न दिखी तो दो दिन बाद कड़े नियमों की घोषणा की जा सकती है। पुणे में यह सख्ती लागू भी कर दी गई है। प्रदेश में कोरोना मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे व सभी प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद फेसबुक लाइव के जरिए राज्य को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि मैं लॉकडाउन की घोषणा नहीं कर रहा हूं, लेकिन लॉकडाउन का संकेत जरूर दे रहा हूं। यदि कोरोना की स्थिति ऐसी ही रही तो अगले 15 दिनों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पड़ने लग जाएगी। तब लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं रह जाएगा। उस स्थिति से बचने के लिए अगले दो दिनों में सरकार कुछ सख्त कदम उठाने की घोषणा कर सकती है। इसमें बसों-ट्रेनों, कार्यालयों, होटल-रेस्टोरेंट्स आदि में भीड़ कम करने जैसे उपाय शामिल होंगे।
उद्धव के अनुसार, लॉकडाउन से बचना है, तो इन नियमों का पालन करना ही होगा। उद्धव ने कहा विपक्ष धमकियां दे रहा है कि लॉकडाउन किया गया तो वे सड़क पर उतरेंगे। उन्हें सड़क पर उतरना है तो जरूर उतरें। लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए उतरें। स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करने के लिए उतरें। लोगों को कोरोना से लड़ने के लिए जागरूक करने के लिए उतरें। लोगों की जान से खेलकर राजनीति करने के लिए न सड़क पर न उतरें। उद्धव ने आंकड़े देते हुए बताया कि पिछले साल भर में जांच से लेकर बेड व वैक्सीन की खुराक तक की सुविधाएं बढ़ाने के बावजूद ये सुविधाएं कम पड़ती जा रही है। क्योंकि कोरोना नए-नए रूप में सामने आ रहा है। इसलिए लोगों को स्वयं सावधानी बरतने की जरूरत है।