Corona Fighters: महाराष्ट्र के लातूर में 105 साल के बुजुर्ग और 95 साल की पत्नी ने जीती कोरोना से जंग
Corona Fighters लातूर में 105 वर्षीय एक बुजुर्ग और उसकी 95 वर्षीय पत्नी ने कोरोना से जंग जीत ली है। लातूर में विलासराव देशमुख इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 10 दिनों के लिए बुजुर्ग दंपती को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुंंबई, एएनआइ। Corona Fighters: महाराष्ट्र के लातूर में 105 वर्षीय एक बुजुर्ग और उसकी 95 वर्षीय पत्नी ने कोरोना से जंग जीत ली है। लातूर में विलासराव देशमुख इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 10 दिनों के लिए बुजुर्ग दंपती को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर के मुताबिक, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया और एंटीवायरल की खुराक भी दी गई। इधर, महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामले भले ही सात लाख से ऊपर पहुंच गए हों, लेकिन मुंबई में उम्मीद की किरण एक बार फिर नजर आने लगी है। पिछले कुछ दिनों से जहां नए मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है वहीं ठीक होनेवाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर 10 फरवरी से शुरू होने के बाद पिछले ढाई महीनों में मुंबई में 3,09,000 संक्रमण के मामले आ चुके हैं। इस दौरान1,319 लोगों की मौत हो चुकी है।
मार्च के आखिर तक पहुंचते-पहुंचते मुंबई में प्रतिदिन कोरोना रोगियों की संख्या 10 हजार से ऊपर पहुंच गई थी। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में यह संख्या बढ़ने के बजाय स्थिर रही, और चार अप्रैल के बाद से इसमें लगातार कमी आती दिखाई देने लगी। बीच में 15,16 एवं 18 अप्रैल को यह संख्या पुन: 8000 से ऊपर गई, लेकिन उसके बाद से यह लगातार घट रही है। 26 अप्रैल को सामने आए सक्रिय मामले सिर्फ 3,792 यानी चार अप्रैल की संख्या 11,163 की लगभग एक तिहाई है। कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने से पहले मुंबई में यह संख्या 300-400 प्रतिदिन तक पहुंच गई थी। इसके बाद ही मुंबई में लोकल ट्रेनें सभी के लिए शुरू करने सहित, पाबंदियों में कुछ और ढील देने का निर्णय किया गया था। लेकिन इसका असर उलटा हुआ, और कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे।
मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर एक-दूसरे को छूने से नहीं, बल्कि हवा से फैल रही है। इससे बचाव के लिए सिर्फ दूरी बनाए रखना ही पर्याप्त नहीं है। मास्क लगाकर ही इससे बचा जा सकता है।चहल के अनुसार इसके लिए बीएमसी ने सख्त पाबंदियां एवं जागरूकता अभियान चलाया। मास्क न लगाने वाले 27 लाख लोगों पर जुर्माना लगाकर कुल 56 करोड़ रुपये वसूले गए। इससे लोगों के मन में प्रशासन के प्रति डर बैठा और आज 90 फीसद मुंबईवासी मास्क में दिखाई देने लगे हैं। जब मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तो यहां प्रतिदिन 50 हजार लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया। चहल का कहना है कि कोरोना की नई लहर में 90 फीसद से ज्यादा मामले ऊंची इमारतों से आए हैं, न कि झोपड़पट्टियों से। इसके कारण भी संख्या को निंयत्रित करना अपेक्षाकृत आसान रहा।