Nashik Oxygen Tanker Leak: ऑक्सीजन टैंक में लीकेज के बाद आपूर्ति बाधित होने से 24 मरीजों की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख

Nashik oxygen tanker leak incident प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने भी ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने लिखा है कि नासिक के अस्पताल में हुई दुर्घटना हृदय विदारक है। मैं इस घटना से दुखी हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 02:42 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:01 PM (IST)
Nashik Oxygen Tanker Leak: ऑक्सीजन टैंक में लीकेज के बाद आपूर्ति बाधित होने से 24 मरीजों की मौत, पीएम मोदी ने जताया दुख
नासिक के कोविड अस्‍पताल में 10 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत

मुंबई, राज्य ब्यूरो। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र में बुधवार को ऑक्सीजन टैंक में ही लीकेज के कारण 22 कोरोना मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ा। नासिक महानगरपालिका द्वारा संचालित डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल परिसर में लगे ऑक्सीजन टैंक से दोपहर बाद ऑक्सीजन लीक होने लगी। इसे रोकने के लिए मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कुछ समय के लिए रोक दी गई। जिसके कारण वेंटीलेटर के सहारे चल रहे 24 मरीजों की मौत हो गई। घटना बुधवार दोपहर 12 बजे से कुछ पहले की है। डा. जाकिर हुसैन अस्पताल परिसर में कुछ दिनों पहले ही लगाए गए ऑक्सीजन टैंक से ऑक्सीजन लीक करने लगी। चारों ओर सफेद धुएं का गुबार फैल गया। इस लीकेज को रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के अंदर की ओर हो रही ऑक्सीजन की आपूर्ति कुछ देर के लिए रोक दी।

सूत्रों के अनुसार, उस समय अस्पताल में करीब 150 कोरोना मरीज या तो आक्सीजन के सहारे थे या उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। ऑक्सीजन की आपूर्ति रुकने से इन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। चूंकि यह पूरा अस्पताल इन दिनों कोविड-19 के मरीजों के लिए ही समर्पित है, इसलिए ज्यादातर मरीजों के साथ उनके परिजन भी मौजूद नहीं थे। शुरू में सिर्फ 11 मरीजों के मरने की खबर आ रही थी, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई। इस दुर्घटना के बाद ऑक्सीजन की जरूरत वाले 80 में से 31 मरीजों को शहर के अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया जा चुका है। नासिक के ही राज्य सरकार संचालित अस्पताल ने ऑक्सीजन के 15 जंबो सिलेडर भी डा. जाकिर हुसैन अस्पताल को भेजवाए हैं।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने माना है कि अस्पताल में लोगों की मौत ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई। उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों से ऑक्सीजन सिलेंडर का वाल्व लीक होने के कारण यह दुर्घटना हुई, लेकिन ऑक्सीजन टैंक में लीकेज शुरू होते ही एक युवक द्वारा देख लिए जाने के कारण एक बड़ा अनर्थ टल गया। उनके अनुसार पूरे मामले की जांच के बाद ही वह कोई बयान जारी करेंगे। जबकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही गई है। बयान में दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात भी कही गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने भी ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने लिखा है कि नासिक के अस्पताल में हुई दुर्घटना हृदय विदारक है। मैं इस घटना से दुखी हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी घटना के प्रति दुख जताते हुए पीड़ितों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर दुख जताने के साथ-साथ इस दुर्घटना के लिए नासिक महानगर पालिका प्रशासन को आड़े हाथों भी लिया है। उनके अनुसार नासिक मनपा आयुक्त दुर्घटना होने के दो घंटे बाद दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। फडणवीस ने कहा है कि दुर्घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। नासिक के डा. जाकिर हुसैन अस्पताल में आक्सीजन टैंक की स्थापना करीब 20 दिन पहले ही की गई थी। भाजपा ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग भी की है। 

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, नासिक के मेयर सतीश कुलकर्णी के मुताबिक अब तक 24 की मौत हो गई। निगम द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गई। इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

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