Madhya Pradesh: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आपसी संघर्ष में बाघ की मौत
Madhya Pradesh बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ टी-37 का शव पाया गया। पार्क प्रबंधन का कहना है कि आपसी संघर्ष में बाघ की मौत हुई है। 12 दिन पहले भी आपसी संघर्ष में एक बाघ की मौत हुई थी।
उमरिया, जेएनएन। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गुरुवार को बाघ टी-37 का शव पाया गया। पार्क प्रबंधन का कहना है कि आपसी संघर्ष में बाघ की मौत हुई है। 12 दिन पहले भी आपसी संघर्ष में एक बाघ की मौत हुई थी। पार्क प्रबंधन का कहना है कि गुरुवार की सुबह जब सुरक्षा श्रमिक जंगल में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान परासी बफर जोन में बाघ का शव देखा गया। पास में ही दूसरे बाघ के पदचिन्ह भी पाए गए हैं। इससे अनुमान लगाया गया है कि दोनों बाघों के बीच हुई लड़ाई में टी-37 बाघ की मौत हुई होगी। मृत बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाए गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गौरतलब है कि इससे पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर कोर परिक्षेत्र में बाघिन ने अपने शावकों की जान बचाने के लिए एक बाघ को मार डाला था। घटनास्थल के निरीक्षण के बाद अधिकारियों का दावा है कि बाघ ने बाघिन के साथ घूम रहे उसके दो शावकों को मारने की कोशिश की होगी, लेकिन बाघिन बीच में आ गई और बाघ से भिड़ गई। बाघिन ने बाघ को मार दोनों शावकों की जान बचा ली। बाघ के शव को गश्ती दल ने देखा। रिजर्व के उप संचालक लवित भारती ने बताया कि बाघ का शव देखे जाने की सूचना पर पतौर के परिक्षेत्र अधिकारी अर्पित मेराल मौके पर पहुंचे व क्षेत्र को सील किया गया। उप संचालक, सहायक वन्य जीव शल्यज्ञ डा. नितिन गुप्ता, पशु चिकित्सा अधिकारी उमरिया डा. एसबी मेहरा व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रतिनिधि सीएम खरे मौके पर पहुंचे। इधर, उमरिया वन्य प्राणी विशेषज्ञ नरेंद्र बगड़िया के मुताबिक, बाघिन का एकांत साथ पाने के लिए बाघ शावकों को मारने की कोशिश करता है। कई बार शावकों को बचाने के लिए बाघिन बाघ पर हमला करती है। संघर्ष में कभी बाघ की तो कभी बाघिन की मौत हो जाती है। यह घटना भी इसी तरह की है।