Tiger Death Rate: मध्य प्रदेश में इस साल अब तक 38 बाघों की मौत, जानें-कब कितने बाघों की गई जान
Tiger Death Rate मध्य प्रदेश में नवंबर के 19 दिनों में ही चार बाघों की मौत हो चुकी है। अगस्त में पांच बाघों की मौत हुई है। मई में सात बाघों की मौत दर्ज हुई। वन विभाग से एक ही जवाब मिलता है कि मौत का आंकड़ा सामान्य है।
भोपाल, जेएनएन। देश में एक जनवरी से 19 नवंबर, 2021 तक 112 बाघों की मौत दर्ज की जा चुकी है। इसमें से सिर्फ मध्य प्रदेश में 38 बाघों की (34 प्रतिशत) मौत हुई है। यह पिछले पांच सालों में बाघों की मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह स्थिति तब है, जब कर्नाटक की तुलना में मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 की गणना में सिर्फ दो बाघ ज्यादा निकले हैं। कर्नाटक में 524 और मध्य प्रदेश में 526 बाघ गिने गए थे। वहीं, बाघों की मौत के मामले में देश में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। वहां उक्त अवधि में 21 तो कर्नाटक में 15 बाघों की मौत हुई है। टाइगर स्टेट का तमगा बचाने और बाघ गणना 2022 में प्रतिद्वंद्वी राज्यों को कड़ी टक्कर देने का दावा कर रहे मध्य प्रदेश की धरातल पर स्थिति खराब है। यहां नवंबर के 19 दिनों में ही चार बाघों की मौत हो चुकी है।
अगस्त में पांच बाघों की मौत हुई है। मई में सात बाघों की मौत दर्ज हुई। वन विभाग से एक ही जवाब मिलता है कि मौत का आंकड़ा सामान्य है। ज्यादा बाघ हैं, इसलिए ज्यादा मौतें भी हो रही हैं। फिर कर्नाटक में कम मौत क्यों? वन अधिकारियों के तर्कों को सही मानें, तो एक सवाल उठता है कि कर्नाटक में इतनी कम मौत क्यों? जब वहां सिर्फ दो बाघ कम हैं, तो मौत के आंकड़ों में इतना अंतर क्यों आ रहा है और यह इसी साल की बात नहीं है। पिछले कई सालों से यही स्थिति है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 तक देश में हर राज्य अपने स्तर पर बाघों की गिनती करता था। वर्ष 2006 से राष्ट्रीय स्तर पर गिनती शुरू हुई, जो हर चार साल में की जाती है। वर्तमान में पांचवीं गणना शुरू हुई है।
जानें, किस राज्य में कितने बाघ और कितनी मौत
राज्य - 2018 में बाघ - 19 नवंबर 2021 तक मौत
मध्य प्रदेश - 526 - 38
महाराष्ट्र - 312 - 21
उत्तर प्रदेश - 173 - 09
कर्नाटक - 524 - 15
बिहार - 31 - 03
उत्तराखंड - 442 - 03
तेलंगाना - 26 - 03
छत्तीसगढ़ - 19 - 03
केरल - 190 - 06
तमिलनाडु- 264 - 02
असम - 190 - 06
राजस्थान - 69 - 01
बंगाल - 00 - 01
आंध्र प्रदेश - 48 - 01
मृत बाघों की कुल संख्या - 112।