Conversion In MP: मतांतरण कराने वाले एनजीओ के लिए मध्य प्रदेश में कोई जगह नहीं: शिवराज
Conversion In MP शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसे सभी गैर सरकारी संगठनों को चिह्नित किया जाए जिन्हें विदेश से अनुदान मिलता है। वे इसका क्या उपयोग कर रहे हैं इसकी जानकारी भी जुटाई जाए। मतांतरण कराने वाले एनजीओ के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं हैं।
भोपाल, एएनआइ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसे सभी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को चिह्नित किया जाए, जिन्हें विदेश से अनुदान मिलता है। वे इसका क्या उपयोग कर रहे हैं, इसकी जानकारी भी जुटाई जाए। मतांतरण कराने वाले एनजीओ के लिए मध्य प्रदेश में कोई जगह नहीं हैं। समाज को तोड़ने वाले संगठन और उनसे जुड़े व्यक्तियों की जानकारी एकत्र की जाए। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मंत्रालय में कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी-पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कांफ्रेंस में यह निर्देश अधिकारियों को दिए। कांफ्रेंस की शुरुआत कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के साथ की गई। पुलिस अधिकारियों ने सीएम को जानकारी दी कि राज्य में दो साल में सात हार्डकोर माओवादी मुठभेड़ में मारे गए हैं और तीन को गिरफ्तार किया गया है। बीस स्थानों का पता करके विस्फोटक जब्त किया गया। माओवादियों को हथियार की आपूर्ति करने वाले 18 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
स्मैक बेचने वालों को तबाह कर दो
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्मैक बेचने का कारोबार करने वालों को बर्बाद और तबाह कर दो। उन्होंने यह भी कहा कि भू-माफिया से मुक्त कराई भूमि पर गरीबों के आवास बनाए जाएंगे। राज्य में अब तक 3559 एकड़ भूमि माफियाओं से मुक्त कराई जा चुकी है।
Narottam Mishra
Koo App
इधर, मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण का लक्ष्य तय समय पर पूरा करने के लिए एक और पहल की है। अब कोरोनारोधी वैक्सीन की पहली डोज सिर्फ कोवैक्सीन की ही लगाई जा रही है। करीब एक सप्ताह से यह क्रम चल रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि दूसरी डोज का समय जल्द आ सके। इससे प्रदेश में सभी पात्र लोगों को 31 दिसंबर तक दोनों डोज लगाने का लक्ष्य पूरा हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि कोवैक्सीन की दूसरी डोज चार से छह हफ्ते के भीतर लगाई जाती है जबकि कोविशील्ड की दूसरी डोज 12 से 16 हफ्ते में लगाई जाती है। प्रदेश में 18 साल से ऊपर के कुल 5.49 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है। प्रदेश में अभी तक 3.49 करोड़ (63 प्रतिशत) लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। वहीं, 5.10 करोड़ (93 प्रतिशत) लोगों को पहली डोज लगी है। इस लिहाज से अभी 39 लाख लोगों की पहली डोज बाकी है।