Online E-Counseling: मध्य प्रदेश में ई-काउंसिलिंग के जरिये एक माह में तीन जिलों में फिर से बसे 400 घर

Online E-Counseling मध्य प्रदेश के तीन जिलों भोपाल ग्वालियर और जबलपुर में पारिवारिक विवाद के 400 मामले सुलझाए गए। यानी यह घर टूटने से बच गए। समझौता नहीं होने पर 900 से अधिक प्रकरणों में केस दर्ज किए गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 05:03 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 05:03 PM (IST)
Online E-Counseling: मध्य प्रदेश में ई-काउंसिलिंग के जरिये एक माह में तीन जिलों में फिर से बसे 400 घर
मध्य प्रदेश में ई-काउंसिलिंग से तीन जिलों में फिर से बसे 400 लोगों के घर। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में पारिवारिक विवादों में ई-काउंसिलिंग से तीन जिलों में फिर से 400 लोगों के घर बस गए हैं। प्रदेश पुलिस ने स्टेट लीगल अथारिटी के साथ मिलकर कोरोना काल में बंद बड़ी काउंसलिंग के लिए  प्रदेश के तीन जिलों भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की। इस दौरान तीन जिलों में पारिवारिक विवाद के 400 मामले सुलझाए गए। समझौता नहीं होने पर 900 से अधिक प्रकरणों में केस दर्ज किए गए। इस सुलह की कानूनी वैधता भी है, क्योंकि जिला जज की कोर्ट से यह काउंसिलिंग की गई। कोरोना संकट के दौर में आवाजाही को लेकर समस्या थी। साथ ही, घरेलू विवाद में सुलह के लिए आनलाइन माध्यमों का उपयोग बढ़ाने की मंशा के तहत प्रदेश में 18 जुलाई से एक माह के लिए यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तहत की गई।

इन मामलों में हुआ समझौता

इसमें मध्यस्थता कराने वाले लोग प्रशिक्षण प्राप्त थे। इसमें कुल 2240 प्रकरण मध्यस्थता के लिए रखे गए। आवेदकों को घर से ही मोबाइल सहित अन्य आनलाइन माध्यमों से जुड़ने की अनुमति दी गई। इस एक माह में 400 मामलों में समझौता हुआ और पारिवारिक विवाद समाप्त हुए। समझौता नहीं होने वाले 900 मामलों में केस दर्ज किए गए। अन्य प्रकरण विचाराधीन हैं। एक माह के लिए लागू की गई इस व्यवस्था (ई-मीडिएशन) में 15 हजार रुपये खर्च विश्व बैंक की एक योजना के तहत मिला। इस व्यवस्था की सफलता से उत्साहित पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा अब सभी जिलों में इसे लागू करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। प्रस्ताव में पांच हजार रुपये खर्च सरकार की तरफ से देने की बात भी प्रस्ताव में शामिल की गई है। ई-काउंसिलिंग में केस स्टडी के तौर पर जो बड़ा फायदा दिखा, वह यह था कि इस माध्यम से मध्यस्थता में अन्य लोगों का दखल कम रहा।

पूरे प्रदेश में ई-काउंसिलिंग लागू करने की तैयारी

सुलह के दौरान अन्य रिश्तेदार या दोस्त मौके पर होते हैं। किसी विवाद को सुलझाने में उनके अपने तर्क होते हैं और विवाद बढ़ता जाता है। ई-काउंसिलिंग में पति-पत्नी और विवाद से जुड़े करीबी पक्षों को ही शामिल किया गया। इससे कहासुनी की बातों को दोनों पक्षों को दरकिनार करने की समझाइश सफल रही। वहीं, महिला अपराध की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के मुताबिक, ई-काउंसिलिंग के बहुत अच्छे नतीजे आए हैं। इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। प्रदेश में महिला संबंधी अपराधों की सुनवाई के लिए कई माध्यम शुरू किए गए हैं। सुलह नहीं होने पर प्रकरण दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए।

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