कार्तिक पूर्णिमा : आज ही के दिन होता है 33 कोटि देवी-देवताओं का पृथ्वी पर आगमन

Kartik Purnima 2021 आज पूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। शास्‍त्रों के अनुसार आज के ही दिन 33 कोटि देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और यहां की गंगा यमुना एवं नर्मदा जैसी समस्‍त पवित्र नदियों में स्‍नान करते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 08:44 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 09:03 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा : आज ही के दिन होता है 33 कोटि देवी-देवताओं का पृथ्वी पर आगमन
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है।

भोपाल, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आज पूरी श्रद्धा से मनाया जा रहा है। इस खास पर्व को देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। वीरवार को व्रत पूर्णिमा होने पर लोगों ने व्रत रखा और विशेष पूजा की। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग तीर्थ स्‍थलों पर स्थित सरोवरों में स्‍नान, दान आदि करते हैं और दीपदान का भी इस दिन विशेष महत्‍व होता है। मंदिरों को सजाया जाता है और भगवान का विशेष श्रृंगार व अभिषेक होता है। पंडित रामजीवन दुबे के अनुसार इस दिन दीप दान और भगवान विष्‍णु को पूजने का विशेष महत्‍व होता है। भक्‍त सूर्योदय से पूर्व ही पवित्र जलाशयों में स्‍नान कर ब्राम्हणों को दान करते हैं।

भोपाल की शीतलदास की बागिया,शाहपुरा तालाब आदि स्थानों पर भी लोग एकत्र हो स्‍नान व दीपदान कर रहे हैं। श्रद्धा भक्ति के साथ जगह-जगह पूजा-अर्चना की जा रही है। शास्‍त्रों में कहा गया है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन 33 कोटि देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और यहां की गंगा, यमुना एवं नर्मदा जैसी समस्‍त पवित्र नदियों में स्‍नान करते हैं। साधु-संत एवं ऋषि-मुनी संसार की सुख शांति के लिए आषाढ़ मास से लेकर कार्तिक तक चतुर्मास करते हैं। इसके पश्‍चात दीप दीपावली मनायी जाती है।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हमारे शास्‍त्रों के अनुसार इस दिन को धार्मिक और आध्‍ययात्मिक दोनों ही तरीकों से महत्‍वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि आज के दिन भगवान विष्‍णु की पूजा करने और पवित्र नदियों में स्‍नान से आशीर्वाद प्राप्‍त होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किए गए शुभ कार्यो से घर परिवार में सुख व समृद्धि आती है। कार्तिक का स्‍नान करने से 100 अश्‍वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्‍य प्राप्‍त होता है।

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