Madhya Pradesh: अब मप्र में तैयार होगी अक्षम आइएएस अधिकारियों की सूची, इस तरह होगा आकलन
Madhya Pradesh मध्य प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष 15 एवं 25 साल की सेवा और 50 साल की आयु पूरी करने वाले अधिकारियों की सेवाओं का समग्र आकलन करके प्रतिवेदन केंद्र सरकार को भेजती है। आइपीएस अधिकारियों की सेवा का आकलन 26 नवंबर को किया गया था।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में आइपीएस अधिकारियों के बाद अब आइएएस अधिकारियों की सेवाओं का आकलन छानबीन समिति करेगी। इसके लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में बैठक जनवरी 2022 में होगी। इसमें दिसंबर तक 15 या 25 साल की सेवा और 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले अधिकारियों का शामिल किया जाएगा। प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष 15 एवं 25 साल की सेवा और 50 साल की आयु पूरी करने वाले अधिकारियों की सेवाओं का समग्र आकलन करके प्रतिवेदन केंद्र सरकार को भेजती है। आइपीएस अधिकारियों की सेवा का आकलन 26 नवंबर को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में छानबीन समिति द्वारा किया गया था।
इस तरह होगा आकलन
127 अधिकारियों के सेवा अभिलेखों का परीक्षण किया गया, पर कोई भी अधिकारी ऐसा नहीं पाया गया कि उसके नाम की अनुशंसा अनिवार्य सेवानिवृति के लिए केंद्र सरकार से की जाए। अब आइएएस अधिकारियों की सेवाओं का आकलन सर्विस रिकार्ड के आधार पर किया जाएगा। इसमें उनकी गोपनीय चरित्रावली (सीआर) और स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट के आधार पर आकलन करके प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा। यदि किसी अधिकारी की सीआर खराब है और गंभीर टिप्पणियां की गई हैं तो फिर उसके नाम पर अलग से विचार होगा। सामान्य प्रशासन विभाग 'कार्मिक' के अधिकारियों का कहना है कि छानबीन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। समिति के निर्णय के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह आइएएस अधिकारियों की सेवाओं का आकलन करके प्रतिवेदन तैयार होगा, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
राज्य के अधिकारियों के लिए 20 साल की सेवा होगी आधार
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य सेवा के अधिकारियों की सेवाओं का आकलन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसमें 20 साल की सेवा और 50 साल की आयु पूरी करने वाले अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि ऐसा एक भी अधिकारी सेवा में नहीं रहना चाहिए जो अक्षम हो। ऐसे अधिकारियों के सेवा अभिलेखों का परीक्षण करने के बाद प्रतिवेदन तैयार करके अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।