राष्ट्रगान के अपमान को लेकर नरोत्तम मिश्रा का ममता पर हमला: राहुल, कमलनाथ और केजरीवाल पर भी साधा निशाना
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा- ‘ममता दीदी सिद्धि विनायक जा रही हैं कमलनाथ जी हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं केजरीवाल जी तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं राहुल जी कश्मीरी पंडित बन रहे हैं और कितने अच्छे दिन चाहिए?
भोपाल, जेएनएन। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राष्ट्रगान के अपमान पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हमला बोलते हुए कहा, ‘ममता बनर्जी सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन करने जा रही हैं, कमलनाथ जी हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं, अरविंद केजरीवाल जी तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं, राहुल गांधी कश्मीरी पंडित बन रहे हैं, अब देश को और कितने अच्छे दिन चाहिए? गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें ये आरोप लगाते हुए उन्हें सुना जा सकता है।
मीडिया से बात करते हुए जब नरोत्तम मिश्रा से बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए भाषण पर प्रतिक्रिया मांगी जा रही थी| नरोत्तम मिश्र ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान बैठकर राष्ट्रगान की चार लाइन पढ़ने और जयहिंद करने को गलत कहा। उन्होंने इसे राष्ट्र का अपमान बताया है। हालांकि, ये बात सही है कि राष्ट्रगान को पढ़ने का एक नियम है, जिसके जरिये राष्ट्र और राष्ट्रगान के प्रति सम्मान जाहिर किया जाता है। किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में राष्ट्रगान को बैठकर नहीं गाया जा सकता और न ही इसे कभी अधूरा छोड़ा जाता है। इसके दो संस्करण हैं- एक पूर्ण और दूसरा संक्षिप्त। नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस से कमल नाथ और राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल का भी नाम लिया, इस वीडियो में वे इन सबको भी घेरते नजर आ रहे हैं।
View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 2 Dec 2021
राष्ट्रगान क्या है
रविंद्रनाथ टैगोर ने हमारे राष्ट्रगान ‘जन गण मन की रचना की थी। मूल रूप से इसे बांग्ला भाषा में लिखा गया है। रष्ट्रगान में पांच छंद हैं। इन छंदों में भारत की संस्कृति, सभ्यता समेत स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेख किया गया है।
अंग्रेजी में भी हुआ अनुवाद
रविंद्रनाथ टैगोर ने 28 फरवरी, 1919 को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’का अंग्रेजी में अनुवाद किया। इसका शीर्षक 'मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया' रखा गया था। तत्कालीन इंडियन नेशनल आर्मी के कप्तान आबिद अली ने इसका हिंदी-उर्दू रूपांतरण किया था।
Narrotam Mishra Attacked Mamta Banerjee
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कब गाया गया पहली बार27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा आयोजित कोलकाता अधिवेशन के दूसरे दिन रविंद्रनाथ टैगोर ने हिंदी और बांगला दोनों भाषाओं में इसे पहली बार गाया था। 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रगान ‘जन गण मन’के पहले छंद को संविधान सभा द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई थी।
जाने क्या है राष्ट्रगान के नियम
जब भी राष्ट्रगान गाया जाये या सुना जाये तो गाने और सुनने वालों को सावधान की मुद्रा में खड़ा रहना चाहिए।
कितनी देर में गाना चाहिए
- भारतीय संविधान के अनुसार 52 सेकेंड के भीतर राष्ट्रगान को गाना चाहिए
– इसका संक्षिप्त संस्करण 20 सेकंड के भीतर गाना चाहिए
– संक्षिप्त संस्करण में राष्ट्रगान के पहले और अंतिम पंक्ति का गान किया जाता है
जाने राष्ट्रगान बजाने के नियम
पूर्ण संस्करण निम्न अवसरों पर बजाया जाएगा:
– नागरिक और सैन्य अधिष्ठापन;
– राज्यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर के उनके राज्य/संघ राज्य के अंदर औपचारिक राज्य कार्यक्रमों में आगमन पर तथा इन कार्यक्रमों से उनके वापस जाने के समय;
– जब रेजीमेंट के रंग प्रस्तुत किए जाते हैं;
– नौसेना के रंगों को फहराने के लिए
– जब राष्ट्र गान एक बैंड द्वारा बजाया जाता है तो राष्ट्र गान के पहले श्रोताओं की सहायता हेतु ड्रमों का एक क्रम बजाया जाता है जिससे वे जान सकें अब राष्ट्र गान शुरू होने वाला है
– जब राष्ट्रीय ध्वज को परेड में लाया जाए
– जब राष्ट्र सलामी देता है (अर्थात इसका अर्थ है राष्ट्रपति या संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के अंदर राज्यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर को विशेष अवसरों पर राष्ट्र गान के साथ राष्ट्रीय सलामी – सलामी शस्त्र प्रस्तुत किया जाता है);
– परेड के समय; चाहे उपरोक्त में संदर्भित विशिष्ट अतिथि उपस्थित हों या नहीं;
– औपचारिक राज्य कार्यक्रमों और सरकार द्वारा आयोजित अन्य कार्यक्रमों में राष्ट्रपति के आगमन पर और सामूहिक कार्यक्रमों में तथा इन कार्यक्रमों से उनके वापस जाने के अवसर पर
– ऑल इंडिया रेडियो पर राष्ट्रपति के राष्ट्र को संबोधन से पूर्व और पश्चात
सार्वजनिक अवसरों पर इसे बजाने के नियम– राष्ट्र गान को गाने पर तब तक कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसे मातृभूमि को सलामी देते हुए आदर के साथ गाना चाहिए। इसे गाते समय उचित गरिमा बनाये रखें।
– विद्यालयों में दिन में राष्ट्रगान को सामूहिक रूप से गाकर शुरू किया जा सकता है।