MP Environment News: पर्यावरण के लिए खतरा 25 प्लास्टिक यूनिटें बंद होगी
पर्यावरण के लिए खतरा 25 सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन करने वाली यूनिटों को हमेशा के लिए बंद किया जाएगा। इन्हें नोटिस दे दिए हैं। बंद करने के लिए 10 महीने की मोहलत दी है। इनमें 1 जुलाई 2022 से पूरी तरह उत्पादन बंद हो जाएगा।
भोपाल, जेएनएन। पर्यावरण के लिए खतरा 25 सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन करने वाली यूनिटों को हमेशा के लिए बंद किया जाएगा। इन्हें नोटिस दे दिए गए हैं। बंद करने के लिए 10 महीने की मोहलत दी है। इनमें 1 जुलाई 2022 से पूरी तरह उत्पादन बंद हो जाएगा। अभी ये रोजाना 16 से 20 मीट्रिक टन सिंगल यूज प्लास्टिक की सामग्री बनाती है। मप्र समेत देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़ी 18 प्रकार की सामग्री के उपयोग पर 1 जुलाई 2022 से पूरी तरह प्रतिबंध लगना है।
इन यूनिटों में प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, झंडे और कैंडी की प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम की स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकॉल) प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, मिठाई बक्से, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट पर लपेटे जाने वाली प्लास्टिक, 100 माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर बनाए जाते हैं।
दरअसल, मप्र समेत देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक से जुड़ी 18 प्रकार की सामग्री के उपयोग पर 1 जुलाई 2022 से पूरी तरह प्रतिबंध लगना है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पूर्व में इसके निर्देश दे दिए थे। जिसके बाद मप्र ने इन यूनिटों को चिन्हित किया है। ये भोपाल, इंदौर में संचालित हो रही है। ज्यादातर प्लास्टिक सामग्री बाहर से आती है। उन प्रति प्रतिबंध के लिए प्रदेश स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है।
बता दें कि दो साल पहले सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया था। वहीं 2017 में 50 माइक्रॉन से कम मोटाई वाली पालीथिन पर प्रतिबंध लगाया था।