Madhya Pradesh: उप्र को 750 एमसीएम पानी देने पर मुहर लगाएगी मप्र कैबिनेट, पीएम कर सकते हैं केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन

Madhya Pradesh केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला दिसंबर 2021 में रखी जा सकती है। परियोजना में मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इससे पहले पानी बंटवारे को लेकर हुए समझौते के तहत मध्य प्रदेश सरकार परियोजना से 750 एमसीएम पानी यूपी को देने का प्रस्ताव कैबिनेट से पारित करेगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 11 Nov 2021 07:57 PM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 07:57 PM (IST)
Madhya Pradesh: उप्र को 750 एमसीएम पानी देने पर मुहर लगाएगी मप्र कैबिनेट, पीएम कर सकते हैं केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमिपूजन
उप्र को 750 एमसीएम पानी देने पर मुहर लगाएगी मप्र कैबिनेट। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। नदी जोड़ो अभियान के तहत देश की पहली केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला दिसंबर, 2021 में रखी जा सकती है। इस परियोजना में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इससे पहले पानी बंटवारे को लेकर हुए समझौते के तहत मध्य प्रदेश सरकार परियोजना से 750 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर यानी 750 अरब लीटर) पानी उत्तर प्रदेश को देने का प्रस्ताव कैबिनेट से पारित करेगी। प्रस्ताव इस माह के अंत तक कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जा सकता है। प्रस्ताव पारित होने के बाद परियोजना का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं। कार्यक्रम संभवत: झांसी (उत्तर प्रदेश) में होगा। इस परियोजना से पानी के बंटवारे को लेकर दोनों राज्यों के बीच 15 साल से चल रहे विवाद का पटाक्षेप मार्च 2021 में हुआ। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में परियोजना से उत्तर प्रदेश को 750 एमसीएम पानी देने पर सहमति बन गई। अनुबंध पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के हस्ताक्षर भी हो चुके हैं।

कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

समझौते के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार को उत्तर प्रदेश को पानी देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगानी है। इसे लेकर तैयारी चल रही है। सूत्र बताते हैं कि समझौता हो चुका है, इसलिए कैबिनेट से मंजूरी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। कैबिनेट से प्रस्ताव पारित होने के बाद प्रधानमंत्री का कार्यक्रम तय होगा। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में आकार लेने वाली परियोजना वर्ष 2005 में मंजूर हुई है। इसके तहत नजदीक से बहने वाली केन-बेतवा पर बांध बनेगा। शुरू में उत्तर प्रदेश को रबी फसल के लिए 547 एमसीएम (547 अरब लीटर) और खरीफ फसल के लिए 1153 एमसीएम (1153 अरब लीटर) पानी देने का अनुबंध हुआ था। विवाद रबी फसल के लिए पानी देने को लेकर शुरू हुआ था। अप्रैल, 2018 में उत्तर प्रदेश ने रबी फसल के लिए 700 एमसीएम (700 अरब लीटर) पानी की मांग की, जो बाद में 788 एमसीएम (788 अरब लीटर) तक पहुंच गई। सहमति के पहले ही उत्तर प्रदेश ने जुलाई, 2019 में 930 एमसीएम (930 अरब लीटर) पानी का मांग रख दी। मध्य प्रदेश इतना पानी देने के लिए तैयार नहीं था। बांध से बिजली उत्पादन की भी योजना है। पूरी बिजली मध्य प्रदेश को ही मिलेगी।

मंत्री ने कही ये बात

मध्य प्रदेश में मंत्री जल संसाधन विभाग तुलसीराम सिलावट ने कहा कि पानी बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। नए अनुबंध के तहत पानी बंटवारे को लेकर कैबिनेट की मंजूरी होना है। प्रस्ताव जल्द पारित हो जाएगा।

परियोजना: एक नजर में

परियोजना की अनुमानित लागत : 35,111 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार देगी : 90 प्रतिशत राशि

दोनों राज्य सरकारें देंगी : पांच-पांच प्रतिशत राशि

केन बेसिन से उत्तर प्रदेश में सिंचाई : 2.27 लाख हेक्टेयर

केन बेसिन से मध्य प्रदेश में सिंचाई : 4.47 लाख हेक्टेयर

बेतवा बेसिन से मध्य प्रदेश में सिंचाई : 2.06 लाख हेक्टेयर।

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