Tigress T-30: संजय गांधी टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-30 का शिकार, पांच हिरासत में
Tigress T-30 मध्य प्रदेश में सीधी जिले के संजय गांधी टाइगर रिजर्व से 15 दिन पहले लापता टी 30 बाघिन का शिकार हो गया। वन अमले को बाघिन के बाल और जला मांस मिला है। बाघिन के शव का पता अभी नहीं चला है
सीधी, जेएनएन। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में इन दिनों बाघों की हो रही मौत चिंता का विषय बनी हुई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले 12 दिन में दो बाघों की मौत हो चुकी है। अब शनिवार को सीधी जिले के संजय गांधी टाइगर रिजर्व, दुबरी से बुरी खबर मिली है। यहां से 15 दिन पहले लापता टी 30 बाघिन का शिकार हो गया। वन अमले को बाघिन के बाल और जला मांस मिला है। टाइगर रिजर्व, सीधी के चीफ कंजर्वेटर आफ फारेस्ट (सीसीएफ) वाइपी सिंह ने बताया कि बाघिन के शव का पता अभी नहीं चला है। बाघ शिकार के संदेह पर बंजारी गांव के पांच आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। अमला उनसे पूछताछ कर रहा है।
पांच नवंबर को रात 11.30 बजे के बाद नहीं मिली लोकेशन पार्क प्रबंधन के मुताबिक संजय गांधी टाइगर रिजर्व दुबरी की टी 30 बाघिन की लोकेशन पांच नवंबर को शाम साढ़े छह बजे बंजारी गांव में मिली थी। रात 11.30 बजे के बाद लोकेशन नहीं मिलने पर टाइगर रिजर्व का अमला लगातार तलाश में जुटा रहा। शुक्रवार को सर्चिंग के दौरान वन अमले को बाघिन के बाल मिले थे। शनिवार सुबह अमला डाग स्क्वायड को लेकर घटनास्थल पर पहुंचा, जहां गढ्डा खोदने पर बाघिन के जले चमड़े और कुछ बाल मिले। कालर आइडी तोड़ने की कोशिश वन अमले ने बताया कि बाघिन 30 की कालर आइडी को आरोपितों ने तोड़कर जलाने की कोशिश की थी, लेकिन वह आइडी जली व टूटी हुई अमले को हाथ लग गई है।
गौरतलब है कि देश में एक जनवरी से 19 नवंबर, 2021 तक 112 बाघों की मौत दर्ज की जा चुकी है। इसमें से अकेले मध्य प्रदेश में 38 बाघों की (34 प्रतिशत) मौत हुई है। यह पिछले पांच सालों में बाघों की मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह स्थिति तब है, जब कर्नाटक की तुलना में मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 की गणना में सिर्फ दो बाघ ज्यादा निकले हैं। कर्नाटक में 524 और मध्य प्रदेश में 526 बाघ गिने गए थे। वहीं, बाघों की मौत के मामले में देश में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। वहां उक्त अवधि में 21 तो कर्नाटक में 15 बाघों की मौत हुई है।