मध्य प्रदेश में सेंट जोसेफ स्कूल में मतांतरण के आरोप में हिन्दू संगठनों ने किया पथराव, बढ़ता ही जा रहा है विवाद
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंज बसोदा में सेंट जोसेफ स्कूल में सोमवार को भीड़ ने तोड़फोड़ की। बताया गया है कि इस भीड़ में कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य भी शामिल थे। जिस समय ये घटना हुई वहां छात्र 12वीं की सीबीएसइ बोर्ड की परीक्षा दे रहे थे।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंज बसोदा में स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में कथित तौर पर बच्चों के मतांतरण मामले को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बीते सोमवार को स्कूल का घेराव कर प्रदर्शन किया और गुस्साए लोगों ने स्कूल की इमारत और वहां खड़े वाहनों पर पथराव भी किया। वहां पहुंची पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को स्कूल परिसर से बाहर निकाला। घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम रोशन राय और एसडीओपी भारत भूषण शर्मा भी स्कूल पहुंचे लेकिन प्रदर्शनकारियों को शांत नहीं कर पाये।आक्राेशित प्रदर्शनकारियों ने स्कूल गेट से ही पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस मामले में ब्राह्मण महासभा ने सोमवार को ही कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के नाम तहसीलदार कमल मंडेलिया को ज्ञापन भी सौंपा।
जाने क्या है मामला
सेंट जोसेफ स्कूल में पढ़ने वाले आठ बच्चों का ईसाई धर्म पद्धति अनुसार मतांतरण कराने की बात को लेकर रविवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। जिसमें मंतातरण के आरोपों और इस संबंध में जांच कर कार्रवाई की मांग की गई थी। कार्रवाई से असंतुष्ट दलों ने स्कूल का घेराव किया, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर नारेबाजी भी की। स्कूल गेट खुला देख ये लोग स्कूल परिसर में पहुंच गए और पत्थरबाजी करने लगे। जिससे स्कूल की दीवारों पर लगा कांच टूट गया। ये प्रदर्शन 2 घंटे तक चला बाद में विश्व हिंदू परिषद ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप ये प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
स्कूल में परीक्षा दे रहे थे 12वीं के छात्र
जिस समय हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं की भीड़ स्कूल पर पत्थरबाजी कर रही थी उस समय अंदर 12वीं कक्षा के छात्र बोर्ड की परीक्षा दे रहे थे। स्कूल के सामने की कक्षाओं में परीक्षा दे रहे बच्चों को पीछे के कमरों में भेजा गया। इस मामले में स्कूल के प्रधानाचार्य ब्रदर एंथोनी का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है मतांतरण को लेकर अफवाहें फैलायी जा रही हैं। 31 अक्टूबर को बच्चों के मतांतरण की बात कही जा रही है जबकि उस दिन तो रविवार था। इस प्रदर्शन को लेकर हम पहले ही पुलिस को सूचित कर चुके थे लेकिन इसके बावजूद भी स्कूल में सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए और प्रदर्शनकारी स्कूल परिसर तक पहुंच गए। स्कूल के अंदर बच्चे परीक्षा दे रहे थे। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए हमने स्कूल का मेन गेट बंद कर दिया नहीं तो स्कूल के अंदर भी तोड़फोड़ हो जाती।