भोपाल AIIMS में सवा तीन करोड़ का फर्जीवाड़ा, उपनिदेशक गिरफ्तार; खुलती जा रही हैं गड़बड़ी की परतें

एम्स भोपाल (Bhopal AIIMS)में कोरोना महामारी के दौरान जनऔषधि केंद्र से दवाएं दस्ताने और अन्य सामान की खरीदारी केवल कोटेशन के आधार पर हुई थी। एम्‍स भोपाल के उपनिदेशक (प्रशासन) धीरेंद्र सिंह को सीबीआइ ने एक लाख रुपये के आरोप में गिरफ्तार किया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 02:42 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 02:42 PM (IST)
भोपाल AIIMS में सवा तीन करोड़ का फर्जीवाड़ा, उपनिदेशक गिरफ्तार; खुलती जा रही हैं गड़बड़ी की परतें
भोपाल AIIMS में सवा तीन करोड़ का फर्जीवाड़ा

भोपाल, जागरण संवाददाता। एम्‍स भोपाल के उपनिदेशक (प्रशासन) धीरेंद्र सिंह को सीबीआइ ने एक लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है इसके बाद से इस गड़बड़ी की परतें खुलती जा रही हैं। कोरोना महामारी के दौरान एम्स भोपाल में जनऔषधि केंद्र से दवाएं, दस्ताने और अन्य सामान की खरीदारी केवल कोटेशन के आधार पर हुई थी। लगभग सवा तीन करोड़ रुपये का सामान खरीदा गया था। 40 लाख रुपये को छोड़कर इसमें बाकी के बिलों का भुगतान भी किया गया था।

इस पर खरीदी समिति के सदस्‍यों ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि सामग्री का दाम खुदरा मूल्‍य से अधिक है। दूसरी ओर कुछ दवाएं और ब्रांडेड सामान ऐसा था जो जन-औषधि केंद्र से नहीं खरीदा जा सकता। इसके बाद एम्‍स प्रबंधन ने खरीदारी का ऑर्डर जारी होने के बाद जनऔषधि केंद्र से 70 लाख रुपये की दवाएं लेने से इंकार कर दिया था। औषधि केन्द्र संचालक रामचंद्र ने बताया कि इसके बाद ये सामग्री उन्‍होंने दूसरी जगह पर खपायी।

उन्‍होंने कहा जन-औषधि केन्द्र में पर्याप्त सामग्री नहीं आती इसलिए खुदरा दामों में उपलब्‍ध कराने से इंकार कर दिया था। इसके बाद सीबीआइ की टीम ने सोमवार को डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह के पास भी पहुंची और सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वहीं रही। वह अपने साथ ईशा सिक्युरिटी, अमृत फार्मेसी और जनऔषधि से खरीदी की फाइल भी अपने साथ लेकर चली गई।

बैंक खातों की भी जांच

धीरेंद्र, उनकी पत्नी और बेटों के बैंक खातों में जमा एक करोड़ रुपये से अधिक राशि की भी जांच की जा रही है। इन लोगों से संबंधित विभिन्‍न दस्‍तावेजों की भी जांच की जा रही है। धीरेंद्र के नाम से दो बैंक लॉकर है। अभी इन्‍हें खोला जाना बाकी है। इसमें मौजूद 450 ग्राम सोने के जेवरों को लेकर ये कहा गया है कि ये जेवर पुश्‍तैनी या रिश्‍तेदारों से उपहार स्‍वरूप मिले हैं। धीरेंद्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट विभाग ग्वालियर से ताल्‍लुक रखते हैं। अक्टूबर 2020 से वह एम्स भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर है। सीबीआइ इस संबंध में पूछताछ कर रही है, इसे लेकर अन्‍य खुलासे होना अभी बाकी है।

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