Madhya Pradesh: महाकाल मंदिर में सुबह छह से अब रात 10.30 बजे तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

Madhya Pradesh महाकाल मंदिर में शनिवार से भक्तों को सुबह छह से रात 10.30 बजे तक भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। प्रदेश में कोरोना प्रतिबंध समाप्त होने के बाद मंदिर समिति ने भी समय की पाबंदी को खत्म कर दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 09:10 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 09:10 PM (IST)
Madhya Pradesh: महाकाल मंदिर में सुबह छह से अब रात 10.30 बजे तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
महाकाल मंदिर में सुबह छह से अब रात 10.30 बजे तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु। फाइल फोटो

उज्जैन, जेएनएन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शनिवार से भक्तों को सुबह छह से रात 10.30 बजे तक भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। प्रदेश में कोरोना प्रतिबंध समाप्त होने के बाद मंदिर समिति ने भी समय की पाबंदी को खत्म कर दिया है। दर्शनार्थियों को अब तक सुबह छह से रात 9.30 बजे तक ही भगवान के दर्शन हो रहे थे। शनिवार से लागू नई व्यवस्था में श्रद्धालुओं को तड़के चार बजे भस्मारती दर्शन के लिए अनुमति प्राप्त भक्तों को प्रवेश मिलेगा। आरती समाप्त होने के उपरांत सुबह छह से रात 10.30 बजे तक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। पीआरओ गौरी जोशी ने बताया कि दर्शन के लिए समय सीमा को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन सावधानियां बरती जाएंगी। दर्शनार्थियों को कोरोनारोधी टीका लगाकर आना अनिवार्य रहेगा। जिन श्रद्धालुओं ने टीके की दूसरी डोज नहीं लगवाईा है, उनके लिए मंदिर में वैक्सीनेशन की व्यवस्था रहेगी। 

गर्भगृह व नंदी हाल में प्रवेश पर अभी निर्णय नहीं

मंदिर समिति ने दर्शन की समय सीमा को समाप्त कर दिया है, मगर गर्भगृह व नंदी हाल में प्रवेश तथा भक्तों के जलाभिषेक करने पर लगा प्रतिबंध समाप्त करने को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया है। मंदिर के पुजारी, पुरोहितों की मांग है कि जब प्रदेश में कोरोना संबंधित समस्त प्रतिबंध समाप्त कर दिए गए हैं, तो भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश व जलाभिषेक की अनुमति भी मिलनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश रमना ने किए महाकाल के दर्शन

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना तथा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी सपरिवार गुरवार शाम ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। भगवान महाकाल के दर्शन के उपरांत वे शक्तिपीठ हरसिद्धि व कालभैरव मंदिर भी गए। वे शुक्रवार तड़के चार बजे भस्मारती में भी शामिल होंगे। महाकाल मंदिर में पुजारी पं. घनश्याम शर्मा व पं. आशीष पुजारी ने पूजा-अर्चना संपन्न कराई और मुख्य न्यायाधीश को दोशाला ओढ़ाकर भगवान महाकाल का चित्र व प्रसाद भी भेंट किए। इसके पहले मुख्य न्यायाधीश गुरुवार शाम करीब साढ़े चार बजे इंदौर विमानतल पर उतरे। विमानतल पर कुछ देर ठहरने के बाद सड़क मार्ग से वे उज्जैन रवाना हुए। 

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