भोपाल में सिपाही की पिटाई का मामला, एसपी व महिला अधिकारी पर लगा संगीन आरोप

Bhopal Police भोपाल में एक सिपाही ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) व एक महिला अधिकारी डंडे से मारने का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले में आरोपी एसपी का कहना है कि सिपाही ऐसा आरोप क्‍यों लगा रहा है मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 12:49 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 12:49 PM (IST)
भोपाल में सिपाही की पिटाई का मामला, एसपी व महिला अधिकारी पर लगा संगीन आरोप
भोपाल में एक सिपाही ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) व एक महिला अधिकारी डंडे से मारने का संगीन आरोप लगाया

भोपाल, जेएनएन। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सिपाही ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) व एक महिला अधिकारी डंडे से मारने का संगीन आरोप लगाया है। सिपाही के शरीर पर मारपीट के निशान भी नजर आ रहे हैं। सिपाही का कहना है कि मेरे साथ ऐसा बर्ताव क्‍यों किया गया समझ में नही आ रहा। वहीं इस मामले में आरोपी एसपी का कहना है कि सिपाही ऐसा आरोप क्‍यों लगा रहा है मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। महिला अधिकारी की शिकायत पर सिपाही को निलंबित किया गया था। बता दें कि इस मामले के तीन दिन बाद सिपाही ने हबीबगंज थाने में मारपीट की शिकायत दर्ज करवायी थी।

गौरतलब है कि भूपेंद्र सिंह जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर हैं और नेहरू नगर पुलिस लाइन के रहने वाले हैं। बीते एक वर्ष से वह महिला अधिकारी (डीएसपी) के पास सरकारी वाहन चालक के पद पर नौकरी कर रहे थे। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 22 सितंबर की बात है वह ड्यूटी पर तैनात थे तब उक्‍त महिला अधिकारी ने उनके हाथ से उनका मोबाइल व अन्‍य सामान छीन लिया। इसकी शिकायत करते वह एसपी (मुख्यालय) रामजी श्रीवास्तव के कार्यालय पर पहुंचे। उसी शाम क्राइम ब्रांच के तीन पुलिसकर्मी वहां आये और बोले कि साहब तुम्‍हें बुला रहे हैं। उसके बाद वह एसपी के सरकारी बंगले पर पहुंच गए। वहीं एसपी व डीएसपी ने उसके साथ काफी मारपीट की, साथ ही निलंबित करने की भी धमकी दी। अधिकारियों के पिटाई के बाद खौंफ के कारण वह तीन दिन तक शिकायत करने की हिम्‍मत नहीं जुटा पाया।

पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) रामजी श्रीवास्तव ने बताया कि सिपाही के खिलाफ 22 सितंबर को गंभीर शिकायत मिली थी जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। इस संबंध में महिला अधिकारी ने जो शिकायत की है वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार बतायी नहीं जा सकती। हालांकि आला अधिकारियों को घटनाक्रम की पूरी जानकारी है।

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