Madhya Pradesh: मप्र के भोपाल में बेटा नहीं होने से खफा पति ने पत्नी पर डाला खौलता तेल, हालत गंभीर

Madhya Pradesh बेटा नहीं होने की बात पर विवाद करते हुए एक पति ने पत्नी पर खौलता तेल डाल दिया। इससे वह बुरी तरह झुलस गई। गर्म तेल से महिला का बायां हाथ पेट का बायां हिस्सा कमर का कुछ हिस्सा जल गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 03:31 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 05:19 PM (IST)
Madhya Pradesh: मप्र के भोपाल में बेटा नहीं होने से खफा पति ने पत्नी पर डाला खौलता तेल, हालत गंभीर
मध्य प्रदेश के भोपाल में बेटा नहीं होने से खफा पति ने पत्नी पर डाला खौलता तेल। फाइल फोटो

भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के कोलार थाना क्षेत्र अंतर्गत सोहागपुर में बेटा नहीं होने की बात पर विवाद करते हुए एक पति ने पत्नी पर खौलता तेल डाल दिया। इससे वह बुरी तरह झुलस गई। गर्म तेल से महिला का बायां हाथ, पेट का बायां हिस्सा, कमर का कुछ हिस्सा जल गया। तेल डालने के बाद पति वहां से भाग निकला। पुलिस ने पति के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। घटना 17 नवंबर की रात की है। कोलार थाना पुलिस के मुताबिक,  ओमलता की वर्ष 2015 में दिनेश नाथ से शादी हुई थी। शादी के बाद उसे चार बेटियां हुईं। बेटा पैदा नहीं होने से दिनेश अक्सर ताने मारता था और हमेशा कहता था कि उसे बेटा चाहिए। इस कारण वह उसके साथ आए दिन मारपीट भी करता था। 17 नवंबर की रात करीब 12 बजे दिनेश नशे की हालत में घर पहुंचा और पत्नी से गर्म सब्जी बनाने के लिए कहा। पत्नी ने चूल्हे पर कढ़ाई चढ़ाकर मसाला तलने के लिए तेल डाल दिया था। इसी दौरान अचानक पति ने बेटे के ताने के साथ गाली-गलौज करते हुए कढ़ाई का गर्म तेल ओमलता के ऊपर डाल दिया और फरार हो गया। पुलिस इस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है। 

गौरतलब है कि देश में इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जब बेटा नहीं होने पर पत्नी की पिटाई की जाती है और उसे जंजीरों से बांध दिया जाता है। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग है जो कि बेटी के जन्म की खुशी में जश्न मनाते हैं। आजकल बेटियां भी हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं। इसलिए बेटियों पर भी नाज करने की जरूरत है। कहते हैं कि जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। समाज में कुछ ऐसे भी माता-पिता हैं, जो कि बेटा और बेटी में अंतर नहीं समझते हैं। हर माता-पिता की यह तमन्ना होती है कि उनके बच्चे खुद के पैरों पर खड़े होकर समाज में नजीर बनें।

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