अब पर्यटक काली टाइगर रिजर्व में कर सकते हैं कैनोपी वॉक, जानें इसके बारे में सबकुछ
कैनोपी वॉक में जंगल की सैर की जाती है। इस दौरान आप जमीन से 20 या 30 फीट ऊंचाई से वन्य जीवों समेत प्रकृति की खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं। हालांकि इसकी शुरुआत कर्नाटक में हुई है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बरसात के मौसम में पर्यटक ट्रैकिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं। खासकर कोरोना महामारी के दौर में ट्रैकिंग का क्रेज बढ़ा है। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इसके लिए पर्यटक देशभर की चुनिदां जगहों पर ट्रैकिंग के लिए जाते हैं। अगर आप भी आने वाले दिनों में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो काली टाइगर रिजर्व जरूर जाएं। खबरों की मानें तो अब पर्यटक काली टाइगर रिजर्व में कैनोपी वॉक भी कर सकते हैं। इससे पहले काली टाइगर रिजर्व में केवल जंगल सफारी की सुविधा थी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या होता है कैनोपी वॉक ?
कैनोपी वॉक में जंगल की सैर की जाती है। इस दौरान आप जमीन से 20 या 30 फीट ऊंचाई से वन्य जीवों समेत प्रकृति की खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं। हालांकि, इसकी शुरुआत कर्नाटक में हुई है। जानकारों की मानें तो सबसे पहले कैनोपी वॉक की शुरुआत कर्नाटक के कुवेशी में हुई है। वर्तमान समय में देश में कई नेचर कैनोपी वॉक हैं। इस क्रम में कर्नाटक के काली टाइगर रिजर्व में भी कैनोपी वॉक की शुरुआत की गई है। यह चार पेड़ों के बीच बंधी हैं और 30 फीट ऊंचाई पर है। अगर आप नेचर लवर हैं, तो कैनोपी वॉक मिस न करें।
काली टाइगर रिजर्व के अधिकारीयों की मानें तो 4 साल पहले ही कैनोपी वॉक बनकर तैयार हो गया था। हालांकि, किसी कारणवश नहीं खोला गया था। अब कैनोपी वॉक को खोला जा रहा है। साथ ही आप कुवेशी में स्थित दूधसागर जलप्रपात का दीदार कर सकते हैं। वहीं, काली टाइगर रिजर्व को ट्रैकिंग के लिए भी खोल दिया गया है। अब पर्यटक ट्रैकिंग और जंगल सफारी के लिए काली टाइगर रिजर्व जा सकते हैं।
बता दें कि काली टाइगर रिजर्व पूर्व में अंशी नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था। 10 मई, साल 1956 को इस क्षेत्र में स्थित जंगल को दांदेली वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया। काली टाइगर रिजर्व 1300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।