जैसलमेर के इतिहास से रूबरू होने के लिए इन म्यूजियम की जरूर करें सैर

जैसलमेर फोर्ट पैलेस को शहर की शान कहा जाता है। पीले बलुआ पत्थर से बना यह किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। इसके लिए लोग जैसलमेर फोर्ट पैलेस को सोनार किला या स्वर्ण किला के नाम से भी पुकारते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 09:54 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 10:18 AM (IST)
जैसलमेर के इतिहास से रूबरू होने के लिए इन म्यूजियम की जरूर करें सैर
थार हेरिटेज म्यूजियम का निर्माण एल नारायण खत्री ने साल 2006 में करवाया था।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। जैसलमेर शहर की स्थापना मध्यकालीन भारत में हुई है। इस शहर को गोल्डन सिटी भी कहा जाता है। इतिहासकारों की मानें तो यदुवंशी भाटी के वंशजों ने लंबे समय तक जैसलमेर और उसके आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया था। उन्हीं के शासनकाल में जैसलमेर शहर का निर्माण हुआ था। भारत की आजादी के पश्चात यदुवंशी भाटी के शासित क्षेत्रों का विलय भारत में हुआ। इससे पहले यह यदुवंशी भाटी के वंशजों के अधीन था। आमतौर पर राजस्थान में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं, लेकिन अगर आप जैसलमेर के इतिहास से रूबरू होना चाहते हैं, तो इन म्यूजियम की सैर कर सकते हैं। आइए जानते हैं-

जैसलमेर फोर्ट पैलेस

जैसलमेर फोर्ट पैलेस को शहर की शान कहा जाता है। पीले बलुआ पत्थर से बना यह किला सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। इसके लिए लोग जैसलमेर फोर्ट पैलेस को सोनार किला या स्वर्ण किला के नाम से भी पुकारते हैं। सन 1156 ई में भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा जैसलमेर फोर्ट पैलेस का निर्माण करवाया गया था। राजस्थान के अन्य किलों की तरह इस किले में भी कई द्वार हैं। इनमें अखाई पोल अपनी शानदार स्थापत्य शैली के लिए प्रसिद्ध है।

थार हेरिटेज म्यूजियम

थार हेरिटेज म्यूजियम का निर्माण एल नारायण खत्री ने साल 2006 में करवाया था। इस म्यूजियम में प्राचीन समुद्री जीवाश्म, अभिलेख तथा और अस्त्र-शस्त्र हैं। साथ ही प्राचीन सिक्के, हथियार, पेंटिंग्स, प्राचीन बर्तन आदि म्यूजियम में रखे हुए हैं। इस म्यूजियम में सैर करने के बाद आप जैसलमेर के इतिहास से रूबरू हो सकते हैं।

सरकारी म्यूजियम

पुरातत्व और म्यूजियम विभाग द्वारा साल 1984 में यह म्यूजियम स्थापित किया गया था। इस म्यूजियम में मध्यकालीन भारत की दुर्लभ मूर्तियां हैं। वहीं, आप बड़ी हवेली भी जा सकते हैं। यह पूर्व के समय में हवेली थी, जिसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है। यह हवेली अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

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