अलास्का के इस शहर में अब अगले साल ही दिखेगी सूरज की रौशनी!
उटकियागविक में 19 नवंबर को आखिरी बार सूरज उगा और फिर डूब गया। अब इस शहर में सूरज 60 दिनों से ज़्यादा समय के बाद ही वापस नज़र आएगा। पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण अलास्का शहर में सर्दियों में यह घटना हर साल होती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अलास्का के छोटे से शहर उटकियागविक (Utqiagvik) को अब अगले दो महीनों तक सूरज की रौशनी नसीब नहीं होगी। ये शहर अब अंधेरे के सालाना चरण में जा चुका है। इस घटना को ध्रुवीय रात के रूप में जाना जाता है और यह उटाकियागविक में हर सर्दियों में होती है।
कहां है उटकियागविक?
उटकियागविक आर्कटिक सर्कल के उत्तर में स्थित है। इस छोटे शहर को पहले बैरो के नाम से जाना जाता था।
इस तरह की घटना सिर्फ उटकियागविक में ही क्यों होती है?
उटकियागविक में 19 नवंबर को आखिरी बार सूरज उगा और फिर डूब गया। अब इस शहर में सूरज 60 दिनों से ज़्यादा समय के बाद ही वापस नज़र आएगा। पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण अलास्का शहर में सर्दियों में यह घटना हर साल होती है।
A post shared by Adventure bucket list (@naturaladventures_)
सीएनएन के मीटियोरोलॉजिस्ट एलीसन चिनचर ने कहा, "ध्रुवीय रात एक सामान्य घटना है जो बैरो (यूटीकैगविक) और आर्कटिक सर्कल के अंदर किसी भी अन्य शहरों के लिए हर सर्दियों में होती है। यह झुकाव ऐसा बनता है कि सूर्य की एक भी किरण क्षितिज के ऊपर दिखाई नहीं देती है।"
क्या अब उटकियागविक में पूरी तरह से अंधेरा छा जाएगा?
एलीसन चिनचर ने कहा कि इस तरह की घटना के बावजूद उटकियागविक में पूरी तरह से अंधेरा नहीं छाएगा। दिन के समय में इस शहर में हल्की रौशनी होगी, जैसे सूरज ढलने के बाद या उगने से पहले होती है।
उटकियागविक में अब सूरज कब उगेगा?
एलीसन चिनचर ने कहा, " सुबह की पहली किरण या दिन ढलने के समय आसमान जिस तरह का दिखता है, अब से लेकर 21 जनवरी तक, दिन के समय कई घंटों तक ऐसा ही रहेगा, जब तक सूरज दोबारा नहीं नज़र आता।"