सितंबर के महीने में ट्रैकिंग के लिए दिल्ली के आसपस ये जगह हैं परफेक्ट
बिजली महादेव मंदिर कुल्लू में अवस्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित है। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में यह शिवलिंग आकाशीय बिजली के गिरने से कई बार विखंडित हो चुका है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बरसात के दिनों में लोग ट्रैकिंग पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके लिए लोग दुनियाभर की सैर करते हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते पर्यटकों के दुनिया भ्रमण पर अल्प विराम लग गया है। इस स्थिति में लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रैकिंग के लिए जाते हैं। इस बारे में उनका कहना होता है कि कोरोना महामारी के दौर में ट्रेकिंग सेफ है। ट्रैकिंग के दौरान कोरोना नियमों का आसानी से पालन किया जा सकता है। साथ ही भीड़ कम होने से आप संक्रमण से सुरक्षित रहते हैं। हालांकि, ट्रैकिंग के लिए अपने आसपास की जगहों पर जाना ज्यादा सुरक्षित है। अगर आप भी सितंबर के महीने में ट्रैकिंग पर जाना चाहते हैं, तो दिल्ली के आसपास इन जगहों पर जाएं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
बिजली महादेव मंदिर
बिजली महादेव मंदिर कुल्लू में अवस्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित है। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में यह शिवलिंग आकाशीय बिजली के गिरने से कई बार विखंडित हो चुका है। हालांकि, मंदिर के पुजारी इन्हें सत्तू और मक्खन की मदद से जोड़ देते हैं। यह मंदिर कुल्लू से 13 किलोमीटर दूर है। बिजली महादेव के दर्शन और आशीर्वाद पाने के लिए सितंबर में कुल्लू जा सकते हैं। कुल्लू से बिजली महादेव की ट्रैकिंग करना आसान है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 8 हजार फ़ीट है। दिल्ली से कुल्लू की दूरी तकरीबन 500 किलोमीटर है।
करेरी झील, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। सालोंभर सैलानी हिमचाल प्रदेश घूमने आते हैं। हिमाचल प्रदेश में कई पर्यटन और धार्मिक स्थल हैं। इनमें एक करेरी झील है, जो ट्रैकिंग के लिए जाना जाता है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई तकरीबन 10 हजार फ़ीट है। यह झील धौलाधार पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित है। सितंबर के महीने में करेरी झील ट्रेकिंग के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है।
हाम्टा पास, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में कई ट्रैकिंग स्पॉट हैं। इनमें एक हाम्टा पास है, जो ट्रैकिंग के लिए बेहद पॉपुलर है। खासकर नए ट्रेकर के लिए यह उपयुक्त ट्रैकिंग स्पॉट है। कुल्लू घाटी के हाम्टा पास से शुरू होकर यह यात्रा स्पीति घाटी में समाप्त होती है। ट्रैकिंग 35 किमी लंबी होती है, जिसे पूरा करने में 4 से 5 दिन लग जाते हैं।