National tourism day को सेलिब्रेट करने के लिए ये 7 जगहें हैं बेस्ट
नेशनल टूरिज़्म डे हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों को टूरिज़्म की ओर बढ़ावा देने से है जो देश की आर्थिक व्यवस्था में भी बहुत बड़ा योगदान है।
इंडिया में ऐसी कई सारी जगहें हैं जहां की खूबसूरती और वहां रह रहे लोग दूसरे लोगों से कई मायनों में अलग और खास हैं। इंडिया में 'नेशनल टूरिज़्म डे' के मौके पर आज ऐसी ही कुछ अनोखी जगहों के बारे में जानेंगे जहां जाकर आप इसे सेलिब्रेट कर सकते हैं।
'नेशनल टूरिज़्म डे' हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों को टूरिज़्म की ओर बढ़ावा देने से है जो देश की आर्थिक व्यवस्था में भी बहुत बड़ा योगदान है।
फुगताल गोम्पा
फुगताल गोम्पा, एशिया की ऐसी मोनेस्ट्री है जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। जंस्कार में पहाड़ों पर बनी ये मोनेस्ट्री बहुत ही आकर्षक लगती है। यहां तक पहुंचने और इस खूबसूरत जगह को देखने का एक्सपीरियंस होता है एकदम अलग और खास। ऊंचाई पर पहुंचकर आपको यहां से सरप नदी का खूबसूरत नज़ारा देख सकते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग नहीं। एक और दो दिन का ट्रैक करके ही यहां तक पहुंच पाना पॉसिबल है।
दामरो, अरूणाचल प्रदेश
दामरो, अरूणाचल प्रदेश का सबसे लंबा हैंगिंग ब्रिज है। जिसके बारे में कम लोगी ही जानते हैं। यहां की कुल जनसंख्या 300-400 के बीच है और तकरीबन 61 बांस के बने हुए घर हैं। दामरो, दूसरे शहरों जितना मशहूर तो नहीं लेकिन इसकी खूबसूरत बरकरार होने की एक वजह ये भी कही जा सकती है। तो अगर मौका मिले तो इस जगह को जरूर देखने जाएं और यहां बनने वाले स्मोक पोर्क, राजा चिली चटनी और राइस बियर को चखना तो बिल्कुल मिस न करें।
जावई, राजस्थान
वाइल्डलाइफ को एक्सप्लोर करने का शौक रखते हैं तो जावई आने का प्लान करें। जावई लैपर्ड कैंप आकर आप लैपर्ड को स्पॉट कर सकते हैं। लक्ज़री टैंट्स को जगमग करती लैंप की रोशनी और पारंपरिक राजस्थानी खानपान का स्वाद इस जगह को बनाता है और भी खास। फ्लैमिंगो से लेकर गीड़, क्रेन्स और भी दूसरे खूबसूरत माइग्रेटरी बर्ड्स की हरकतों को आप कैमरे में उतार सकते हैं। और अगर आपकी किस्मत अच्छी हुई तो स्लोथ बियर, भेड़िए और एंटीलोप्स भी देखने को मिल जाएंगे।
अमाडुबी, झारखंड
झारखंड में 'आर्ट ऑफ विलेज' के नाम से मशहूर इस गांव की खूबसूरती है यहां रहने वाले लोग। जिनके हाथ कला और पेटिंग में ऐसे सधे हुए हैं जिसे देखकर आप भी दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे। यहां आकर ऐसा लगेगा जैसे आपने कला का इससे बेहतरीन नमूना पहले कभी नहीं देखा है। सिंदूर को लाल रंग की जगह इस्तेमाल करने वाले यहां के कलाकार पेंटिंग के लिए बकरी के बालों का इस्तेमाल करते हैं। छोटी लेकिन खूबसूरत और मेनटेन झोपड़ियां, चारों ओर खुशबू बिखरेता यहां का खानपान और तुसु व दानसाई जैसे रंगारंग कार्यक्रम आपको देंगे एडवेंचर को एक्सप्लोर करने के बेहतरीन मौके। यहां से आप दोकरा क्रॉफ्ट, मिथिला साड़ी, पेतकार पेटिंग जैसी कई चीज़ों की खरीददारी कर सकते हैं।
मोहम्मदपुर उमरी, उत्तर प्रदेश
दुनिया में अजूबे की एक और मिसाल देखनी हो तो प्रयागराज से 14 किमी दूर स्थित उमरी गांव आएं। जहां ज्यादातर घरों में जुड़वा लोग मिलेंगे और बल्कि इंसान ही नहीं यहां के पालतू पशुओं में भी ये खासियत देखने को मिलती है। इस विशेषता की वजह से इस गांव का नाम दुनियाभर में मशहूर है। मिनी वेकेशन में जाने के लिए ये जगह तो बेस्ट है ही साथ ही यहां का कल्चर और इतिहास भी कई सारे रहस्यों को समेटे हुए है जिसके बारे में यहां जाकर ही जान पाएंगे।