हाथियों की ट्रेनिंग देखने के साथ एडवेंचर को करना है एक्सप्लोर तो निकल जाएं कोनी की ओर

केरल के कोनी में खासतौर से लोग ट्रेकिंग करने आते हैं। यहां जंगली सुअर हाथी तेंदुआ और कई तरह के पक्षी देखे जा सकते हैं। अराणमुला से तकरीबन 25 किमी दूर ये जगह है बहुत ही खास।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 11:23 AM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 11:23 AM (IST)
हाथियों की ट्रेनिंग देखने के साथ एडवेंचर को करना है एक्सप्लोर तो निकल जाएं कोनी की ओर
हाथियों की ट्रेनिंग देखने के साथ एडवेंचर को करना है एक्सप्लोर तो निकल जाएं कोनी की ओर

पवित्र पंबा नदी के किनारे बसा केरल का अराणुला, उन जगहों में से एक है जिसे देखने दूर-दूर से सैलानी आते हैं। प्राकृतिक खूबसूरती और ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे ये जगह नेचर लवर्स को भी खूब भाती है। अगर आप भी उनमें से एक है तो अराणमुला आकर कोनी की सैर बिल्कुल न मिस करें। हाथियों के प्रशिक्षण केंद्र वाली इस जगह पर एडवेंचर के लिए काफी कुछ मौजूद है।  

कोनीः ट्रैकिंग और क्रॉल से पहचान

कोनी अपने प्राकृतिक वैभव के लिए प्रसिद्ध है। यह अराणमुला से तकरीबन 25 किमी. दूर है। यहां के जंगल, पहाड़ और जंगल के जीव-जंतु आपका मन मोहने के लिए काफी हैं। यह स्थान ईको टूरिज्म को समर्पित है। केरल सरकार का पर्यटन विभाग इसके लिए तमाम व्यवस्थाएं करता है। यहां लोग ट्रेकिंग करने आते हैं। इस संबंध में एक रोचक बात यह है कि यहां के जंगलों में प्रशिक्षित गाइड के साथ ट्रेकिंग करने वाले ज्यादातर विदेशी होते हैं। भारतीयों में इस प्रकार की यात्रा का लोकप्रिय होना अभी शेष है। इस तरह की यात्राओं के दौरान जंगल के वास्तविक वैभव से साक्षात्कार होता है।

कोनी आकर करें खूबसूरत नजारों का दीदार

यहां जंगली सुअर, हाथी, तेंदुआ और अनके प्रकार के पक्षी आसानी से देखे जा सकते हैं। इस जंगल के पार फैली कृषि योग्य भूमि में इलायची और काली मिर्च की खेती होती है। इस लिहाज से देखा जाए तो यहां की ट्रेकिंग अलग प्रकार का अनुभव देती है। यहां हाथियों का 'क्राल' देखने भी लोग आते हैं। क्राल ऐसी जगह होती है जहां हाथियों को प्रशिक्षित किया जाता है। ये वे हाथी होते हैं जो छोटी उम्र में अपने झुंड से भटक जाते हैं। इन्हें लकड़ी से बने बड़े-बड़े पिंजरों में रखा जाता है और तरह-तरह की प्रक्रिया से गुजारते हुए प्रशिक्षित किया जाता है। ये प्रशिक्षित हाथी बाद में केरल के मंदिरों में विभिन्न प्रकार के विधि-विधान संपन्न करने के दौरान इस्तेमाल में लाए जाते हैं। कोनी के जंगल के भीतरी हिस्से में हाथियों की सफारी भी कराई जाती है। यहां बेंत से बनी गोल नाव की सवारी का आनंद भी अद्भुत होता है।

कैसे जाएं

इस खूबसूरत ट्रैकिंग के लिए आपको केरल के अराणमुला आना होगा। ट्रेन से आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन चेंगनूर है और हवाई अड्डा तिरुवनंतपुरम! इन सभी स्थलों से यहां आने के लिए टैक्सी और बस की सुविधा आसानी से उपलब्ध है। 

कब आएं

यहां मानसून के समय आएं या बाद में, मौसम हमेशा ही सुहावना रहता है। जिसमें ट्रैकिंग के दौरान कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं।

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