World Wildlife Day 2021: इको सिस्टम के बैलेंस के लिए बेहद जरूरी है वाइल्ड लाइफ, जानें इस दिन से जुड़ी खास बातें
लगातार बढ़ता प्रदूषण एटमॉस्फेयर को ऐसा बिगाड़ रहा है कि जीव-जंतुओं व वनस्पतियों की ढेरों प्रजातियां धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं। ऐसे में इको सिस्टम को बैलेंस करने व लोगों का ध्यान खींचने के मकसद से हर साल 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे मनाया जाता है।
3 मार्च का दिन पृथ्वी पर मौजूद वन्य जीवों और वनस्पतियों को समर्पित है। वो हमारे जीवन और विकास के लिए कितने जरूरी है इससे लोगों को अवगत और जागरूक करने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। जैव विविधता की समृद्धि ही धरती को रहने व जीवनयापन के योग्य बनाती है लेकिन समस्या है कि लगातार बढ़ता प्रदूषण रूपी राक्षस वातावरण पर इतना खतरनाक प्रभाव डाल रहा है कि जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं। भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां खतरे में बताई जा रही हैं। यही नहीं, विश्व धरोहर को गंवाने वाले देशों की लिस्ट में दुनियाभर में भारत का चीन के बाद सांतवा स्थान है।
विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास
जानवरों और पेड़-पौधों की ऐसे दुर्दशा को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 68वें सत्र में 03 मार्च के दिन को 'विश्व वन्यजीव दिवस' के रूप में अपनाए जाने की घोषणा की। तीन मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था। वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु पहली बार साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था।
विश्व वन्यजीव दिवस 2021 की थीम
इस साल इसकी थीम है "Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet.” साल 2020 का थीम ‘पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना’ (Sustaining all life on Earth) था।
विश्व वन्यजीव दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। इस बात को भली-भांति समझ लेना होगा कि पृथ्वी पर जैव विविधता को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण यही है कि हम धरती के पर्यावरण संबंधित स्थिति के तालमेल को बनाए रखें।