World Osteoporosis Day 2021: किस उद्देश्य के साथ और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत
World Osteoporosis Day 2021 लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या की गंभीरता बताने लक्षणों के पहचानने और इससे बचने के तरीकों से रूबरू कराने के उद्देश्य के तहत ही इस दिन की शुरुआत की गई थी। तो आइए जान लेते हैं जरा कब हुई थी इसकी शुरुआत।
बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों का आना जाना लगा ही रहता है जिनमें से एक है हड्डियों की क्षति। वैसे पूरी तरह उम्र को ही इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा कुछ हद तो हाथ पोषण की कमी और खराब लाइफस्टाइल का भी होता है तभी तो अब कम उम्र के लोगों में भी ये परेशानी देखने को मिल रही है। तो लोग इस समस्या के बारे में जानें और इसके प्रति जागरूक रहें इसके लिए ही हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन के कब से हुई थी शुरुआत साथ ही अन्य जरूरी बातें...
क्या है ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक ऐसी प्रॉब्लम है, जिसमें हड्डियों में ताकत नहीं होती। हल्की सी भी चोट या टक्कर लगने पर भी वो टूट जाती है। ये समस्या खासतौर से बुढ़ापे में देखने को मिलती है। कमर की हड्डी, कोशिकाओं के आसपास की हड्डियां और कूल्हे की हड्डी ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैँ। जिससे बचे रहने के लिए व्यायाम के साथ हेल्दी और बैलेंस डाइट लेना बहुत जरूरी है।
कैसे हुई इस दिन की शुरुआत?
साल 1996 में 20 अक्टूबर को पहली बार विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (World Osteoporosis Day) मनाया गया था। जिसकी शुरुआत यूनाइटेड किंगडम के नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी ने यूरोपीय आयोग के साथ मिलकर एक अभियान के साथ की थी। जिसके बाद से 1997 में इस दिन अंतर्राष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन और 1998,1999 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस को साथ मिलकर मनाया और कई जरूरी काम भी किए।
ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाने का उद्देश्य
90 से ज्यादा देशों में विश्व ऑस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है। जिस दिन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। साल 2019 में ही "थॉट्स ऑस्टोपोरोसिस" अभियान की भी शुरुआत की गई। जिसके उद्देश्य लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस प्रॉब्लम, इसकी वजहें, लक्षणों की पहचान करना और बचाव के उपाय बताए जाते हैं।
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