World Day Against Child labour: इन सेक्टर्स में काम करने वाले बच्चों को होता है जान का ज्यादा खतरा

World Day Against Child labour 21.8 करोड़ 5 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चे दुनिया में हैं इंप्लॉयड। इसमें से 15.2 करोड़ हैं बाल मजदूर। 7.3 करोड़ बाल मजबूर ऐसी कंडीशंस में काम करते हैं जिसे हजार्डस चाइल्ड लेबर में रखा जाता है।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 08:52 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 09:18 AM (IST)
World Day Against Child labour: इन सेक्टर्स में काम करने वाले बच्चों को होता है जान का ज्यादा खतरा
सिर पर ईंट ढोते हुए छोटे बच्चे

बाल श्रम यानी कि चाइल्ड लेबर केवल वह स्थिति नहीं है जिसमें एक बच्चा आफ्टर स्कूल जॉब में काम कर रहा हो, बल्कि सही मायने में देखें तो यह एक ऐसी सिचुएशन है जिसमें उनकी हिफाजत, एजुकेशन और चाइल्डहुड तक दांव पर लग जाता है या फिर यूं कहें कि छीन लिया जाता है। दुनियाभार में कई बाल मजदूर दिन भर बेहद कम या फिर न के बराबर मेहनताने पर काम करते हैं। आइए जानते हैं कि कुछ ऐसे सेक्टर्स के बारे में जहां काम ज्यादातर चाइल्ड लेबर्स ही करते हैं जो रिस्की होने के साथ ही उनकी सेहत पर भी बुरा असर डालते हैं।

किन सेक्टर्स में है काम का खतरा?

1. खदानें

-  यहां धमाके, भूस्खलन और टनल कोलैप्स समेत एक्सीडेंट्स के कारण उनकी मौत तक हो जाती है।

- यहां की हवा डस्ट और टॉक्सिक गैसेस से दूषित होती है जिसमें सांस लेने में उन्हें तमाम सेहत संबंधी दिक्कतें होती हैं।

2. कॉफी के खेत

- यहां किसान उन्हें नाममात्र के लिए ही मेहनताना देते हैं।

- बाल श्रमिकों को सांस, इंटीमिडेशंस और धमिकियों के कारण खतरा रहता है।

3. तंबाकू

- चाइल्ड लेबर्स में निकोटीन प्वॉइजनिंग जैसे समस्याएं हो जाती हैं।

- इस सेक्टर में काम कर रहे बच्चे रोजाना त्वचा के पोरों से 54 मिलीग्राम निकोटीन सोख लेते हैं जो कि 50 सिगरेट के बराबर होता है।

4. केले के फार्म

- चाइल्ड लेबर्स के काम करते वक्त ही पौधों पर पेस्टीसाइड्स व फंगीसाइड्स का छिड़काव किया जाता है जो इनकी सेहत खराब कर देता है।

- मेहनताना इन्हें भी एडल्ट्स से कम ही मिलता है जबकि काम ज्यादा।

5.  कपास के खेत

- पेस्टीसाइड्स और पराग कणों के संपर्क में आने के कारण बाल श्रमिकों के। फेफड़ों में तमाम संक्रमण हो जाते हैं।

6. चॉकलेट

- कोको की फार्मिंग में बच्चे इनके पॉड्स काटते हैं जो कि घने जंगलों में होते हैं।

- इन्हें वे पैक करते हैं और खींचकर लाते हैं। इससे शरीर पर बोझ पड़ता है।

Pic credit- freepik

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